Kurma Dwadashi 2020: इस विधि से करें भगवान विष्णु के दूसरे अवतार की पूजा

Edited By Lata,Updated: 07 Jan, 2020 09:42 AM

kurma dwadashi 2020

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को कूर्म द्वादशी का पर्व मनाया जाता है

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हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को कूर्म द्वादशी का पर्व मनाया जाता है, जोकि इस बार ये दिन आज यानि 07 जनवरी 2020 को है। शास्त्रों के अनुसार कूर्म अवतार भगवान विष्णु का दूसरा अवतार है। कहा जाता है कि जो भी इस दिन पूरी श्रद्धा भावना के साथ विधि-विधान से व्रत पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पापों से मुक्ति मिलती है। आज हम आपको इस दिन का महत्व और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। 
PunjabKesari, कूर्म द्वादशी
कूर्म द्वादशी का महत्‍व
ऐसा माना जाता है कि अगर कूर्म द्वादशी का व्रत पूरी भावना और सच्चे मन से करने वाले मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते हैं और उसे समस्त अपराधों के दंड से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही मनुष्य संसार के समस्त सुख भोगकर अंत में मोक्ष प्राप्त करता है।
PunjabKesari, कूर्म द्वादशी
पूजन विधि
कूर्म द्वादशी व्रत के नियमों का प्रारम्भ दशमी तिथि से ही हो जाता है। सबसे पहले व्रतधारी को दशमी के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और उसके पश्चात पूरे दिन सात्विक आचरण का पालन करना चाहिए। उसके बाद एकादशी को प्रातः स्नान-ध्यान कर पूरे दिन अन्न-जल ग्रहण किए बिना ही व्रत रखना चाहिए। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो इस व्रत में जल और फल ग्रहण कर सकते हैं। अगले दिन यानि कूर्म द्वादशी के दिन भगवान कूर्म का पूजन करने के पश्चात् प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें। इस दिन मंदिर जाकर भगवान विष्णु और उनके कूर्म अवतार के दर्शन करने चाहिए।   

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