Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Apr, 2019 02:38 PM
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही लगभग हर लड़की सुंदर और अमीर पति के सपने देखती है। जो दुनियां भर की खुशियां उसके दामन में डाले। उससे बेपनाह प्यार करे और उसकी भावनाओं की कद्र करे।
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जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही लगभग हर लड़की सुंदर और अमीर पति के सपने देखती है। जो दुनियां भर की खुशियां उसके दामन में डाले। उससे बेपनाह प्यार करे और उसकी भावनाओं की कद्र करे। ज्योतिष के अनुसार कन्या को कैसा लाइफ पार्टनर मिलेगा ये काफी हद तक उसकी कुंडली पर निर्भर करता है। तो आइए जानें, कैसा पति है आपके भाग्य में
चंद्रमा सातवें भाव में हो तो आकर्षक कमजोर शरीर वाला विभिन्न रोगों से परेशान पति मिलता है।
यदि जन्म कुंडली के सातवें घर में सूर्य गया हो तो प्राय: पति गौर वर्ण का, सुंदर शरीर को महत्व देने वाला और कुछ क्रोधी होता है।
सातवें भाव में मंगल बैठा हो तो कन्या का पति प्राय: लाली लिए गोरे रंग का, बातचीत में अत्यंत चतुर, कुछ दुष्ट प्रवृत्ति वाला, झगड़ालू और आलसी होता है।
बुध के सातवें भाव में जाने पर कन्या के पति को विद्या बुद्धि में बड़ा-चढ़ा, सब कार्यों में कुशल गुणवान, धनवान और सामान्य स्वास्थ्य वाला समझना चाहिए।
सातवें भाव में बलवान बृहस्पति हो तो कन्या को निश्चित ही आकर्षक व्यक्तित्व वाला, उच्च राजकीय अधिकारी और धनवान पति मिलता है। प्राय: उसे साहित्य और कविता का विशेष शौक होता है।
सातवें भाव में शुक्र स्थित हो तो पति अत्यंत सुंदर, अच्छी वेश-भूषा का शौकीन, स्त्रियों का प्रिय, सैक्स को ही सब कुछ समझने वाला, मनोरंजन में समय बिताने वाला और धनवान होता है।
शनि सातवें भाव में हो तो कन्या का पति बूढ़ा, अत्यंत कमजोर, काले वर्ण का और पापी होता है।
राहू या केतु सातवें भाव में हो तो भी पति को मलिन बुद्धि वाला, नीच और बुरे कर्मों में रत समझना चाहिए।
यदि सातवें भाव में शुभग्रह की सम राशि 2, 4, 6, 12 हो, साथ ही वह भाव शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हो तो उस महिला का पति प्रभावशाली, राजकीय अधिकारी अथवा धन कुबेर होता है।