Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Feb, 2024 07:56 AM
ब्रिटेन की पूर्व गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने देश भर के कई चर्चों को यह कहकर कटघरे में खड़ा कर दिया है कि वे गैर-ईसाइयों को गलत ढंग से प्रमाणित करके
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लंदन (प.स.): ब्रिटेन की पूर्व गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने देश भर के कई चर्चों को यह कहकर कटघरे में खड़ा कर दिया है कि वे गैर-ईसाइयों को गलत ढंग से प्रमाणित करके ‘औद्योगिक पैमाने’ पर फर्जी शरण दावों के लिए मार्ग खोल देते हैं।
कंजर्वेटिव पार्टी की भारतीय मूल की सांसद, जिन्हें पिछले वर्ष प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था, ने इस सप्ताह के अंत में ‘द डेली टैलीग्राफ’ में लिखा है कि वह नाराज हैं क्योंकि ब्रिटेन अपनी सीमाओं पर नियंत्रण रखने में विफल हो गया है। उन्होंने उन चर्चों पर विशेष रूप से निशाना साधा जो प्रमाणित करते हैं कि शरण चाहने वालों को अपने मूल इस्लामी देश में लौटने पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा।
अपने लेख में सुएला ब्रेवरमैन ने लिखा- ‘चर्च को एक उदाहरण के रूप में लें। गृह कार्यालय में रहते हुए मुझे देश भर के चर्चों के संबंध में पता चला कि वे औद्योगिक पैमाने पर फर्जी शरण दावों की सुविधा दे रहे हैं। ऐसी चर्चों के संबंध में प्रवासी समुदाय के लोग अच्छी तरह जानते हैं और ब्रिटेन में आगमन पर वे अपने शरण मामले को मजबूत करने के लिए सीधे इन ‘वन-स्टॉप शॉप’ चर्चों के पास पहुंच जाते हैं। उसके बाद प्रवासी कुछ महीनों के लिए सप्ताह में एक बार सामूहिक प्रार्थना में भाग लेते हैं, पादरी से मित्रता करते हैं, डायरी में अपने बपतिस्मा की तिथि लिखवाते हैं और पादरी के हस्ताक्षर वाला पत्र लिखवाते हैं कि यह प्रवासी ईश्वर से डरने वाला एक ईसाई है जिसको यदि अपने मूल इस्लामी देश लौटा दिया गया तो वहां उसे निश्चित रूप से उत्पीड़न झेलना पड़ेगा।’
ब्रेवरमैन ने कहा कि अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने का जवाब ब्रिटेन का यूरोपीय मानवाधिकार सम्मेलन (ई.सी.एच. आर.) से हट जाने में है। उन्होंने कहा कि स्ट्रासबर्ग स्थित अदालत के नियमों के कारण ब्रिटेन के हाथ बंध गए हैं।