Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Feb, 2024 08:31 AM
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में मध्य प्रदेश के एक मंदिर में 7 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने के लिए एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा है और उसे 30 वर्ष जेल की सजा सुनाई। जस्टिस सी.टी. रविकुमार और
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नई दिल्ली (ए.एन.आई.) : सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में मध्य प्रदेश के एक मंदिर में 7 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने के लिए एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा है और उसे 30 वर्ष जेल की सजा सुनाई। जस्टिस सी.टी. रविकुमार और राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि व्यक्ति की हरकत बर्बर थी। पीड़ित लड़की की दादी ने 21 मई 2018 को उस व्यक्ति के खिलाफ, जो अपराध के समय 40 वर्ष का था, नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दोषी पीड़िता को एक मंदिर में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया।
ट्रायल कोर्ट ने उस व्यक्ति को दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दोषी के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। शीर्ष अदालत ने यह देखते हुए कि यह घटना पीड़िता को कैसे परेशान कर सकती है, कहा कि किसी भी मंदिर में जाने से उस दुर्भाग्यपूर्ण और बर्बर कार्रवाई की याद आ सकती है जिसका उसे सामना करना पड़ा था।