Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Aug, 2023 08:49 AM
महात्मा बुद्ध के पास एक बार राजा श्रेणिक आए। उन्हें यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि भिक्षुओं के चेहरे आनंद से दमक रहे थे तथा एक तरफ
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Mahatma Buddha story: महात्मा बुद्ध के पास एक बार राजा श्रेणिक आए। उन्हें यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि भिक्षुओं के चेहरे आनंद से दमक रहे थे तथा एक तरफ बैठे राजकुमारों के चेहरों पर सारी सुविधाओं के बावजूद उदासी छाई हुई थी। राजा श्रेणिक ने काफी सोचा कि भिक्षुओं की दिनचर्या काफी कठिन होती है, इसके बावजूद भिक्षुओं के चेहरे इतने खिले हुए क्यों हैं ?
राजा को उत्तर न मिला तो उन्होंने महात्मा बुद्ध के समक्ष अपना प्रश्न रखा।
भगवान बुद्ध ने कहा, “राजन, मेरे भिक्षुओं ने स्वभाव ही ऐसा बना लिया है कि उन पर कैसी भी मुसीबत क्यों न आए उनकी मानसिक शांति भंग नहीं होती। वे हर हाल में खुश रहते हैं।
ऐसा इसलिए होता है कि वे यह नहीं देखते कि बीते दिनों में क्या हुआ, न वे यह सोचते हैं कि भविष्य में क्या होगा ! उनकी दृष्टि वर्तमान पर रहती हैं। आज जो कुछ जिस रूप में है, वे उसी रूप में देखते हैं। उनकी प्रसन्नता का यही रहस्य है।