Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Feb, 2024 10:54 AM
महात्मा फुले ने अपना जीवन महिलाओं, वंचितों और शोषित किसानों के उत्थान के लिए समर्पित किया था। इस काम के चलते उन्हें और उनकी पत्नी
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Mahatma Phule Story: महात्मा फुले ने अपना जीवन महिलाओं, वंचितों और शोषित किसानों के उत्थान के लिए समर्पित किया था। इस काम के चलते उन्हें और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
विरोधों का कोई असर न होते देख कुछ लोगों ने फुले को मारने के लिए 2 हत्यारों को भेजा। फुले दंपति दिन का काम पूरा करने के बाद आधी रात को आराम कर रहे थे। अचानक नींद टूटने पर मंद रोशनी में 2 लोगों की छाया दिखी।
ज्योतिबा फुले ने जोर से पूछा कि तुम लोग कौन हो ?
एक हत्यारे ने कहा, “हम तुम्हें खत्म करने आए हैं” जबकि दूसरा चिल्लाया, “हमें तुम्हें यमलोक भेजने के लिए भेजा गया है।”
यह सुनकर महात्मा ने उनसे पूछा, “मैंने तुम्हारा क्या नुकसान किया है कि तुम मुझे मार रहे हो ?”
उन दोनों ने उत्तर दिया, “तुमने हमारा कोई नुकसान नहीं किया है लेकिन हमें तुम्हें मारने को भेजा गया है।”
महात्मा फुले ने उनसे कहा, “मुझे मारने से क्या फायदा होगा ?”
उन्होंने कहा, “अगर हम तुम्हें मार देंगे तो हमें एक-एक हजार रुपए मिलेंगे,”
यह सुनकर महात्मा फुले ने कहा, “अरे वाह ! मेरी मृत्यु से आपको लाभ होने वाला है, इसलिए मेरा सिर काट लो। यह मेरा सौभाग्य है कि जिन गरीब लोगों की मैं सेवा कर खुद को भाग्यशाली और धन्य मानता था, वे मेरे गले में चाकू चलाएं।”
उनकी बातें सुनकर हत्या करने आए दोनों को होश आया और उन्होंने महात्मा फुले से माफी मांगी और कहा, “अब हम उन लोगों को मार डालेंगे जिन्होंने आपको मारने के लिए भेजा था।”
इस पर महात्मा फुले ने उन्हें समझाया और यह सीख दी कि बदला नहीं लेना चाहिए। इस घटना के बाद दोनों महात्मा फुले के सहयोगी बन गए।