Mangal Dosh: मिथुन लग्न वालों का मंगल दोष कैसे रद्द होता है ?

Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Jan, 2024 08:33 AM

आज इस आर्टिकल में बात करेंगे मंगल और मांगलिक दोष के बारे में। ज्योतिष में 7 ग्रह होते हैं, राहु और केतु छाया ग्रह है। मंगल अग्नि तत्व

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Mangal Dosh: आज इस आर्टिकल में बात करेंगे मंगल और मांगलिक दोष के बारे में। ज्योतिष में 7 ग्रह होते हैं, राहु और केतु छाया ग्रह है। मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है। जब उसका प्रभाव सप्तम भाव पर पड़ता है कुंडली में तो मांगलिक दोष समझा जाता है। आपकी कुंडली में लग्न में मंगल हो गया सातवीं दृष्टि सीधा सप्तम स्थान के ऊपर पड़ेगी ये शादी का स्थान है। अष्टम में मंगल जाएगा जब सीधी दृष्टि पड़ेगी दूसरे भाव के ऊपर। दूसरा भाव फैमली का भाव है ,यहां पर भी मंगल की दृष्टि शुभ नहीं मानी जाती। बारहवें भाव में मंगल बैठेंगे तो अष्टम भाव से सप्तम दृष्टि को देखेंगे।

मिथुन -लग्न वालों का मंगल दोष कैसे रद्द होता है ?
पूरी कुंडली में 12 भाव है। मन लीजिये आपकी कुंडली में मंगल अपनी राशि का स्वामी है। मंगला उच्च का है वो शनि की राशि में भी चला जाएगा। ये नीच और वक्री हो तब भी रद्द हो जाता है। मंगल योगा कारक हो जाए तो भी रद्द हो जाता है। मंगल गुरु के साथ आ जाए तो ये दोष तब भी रद्द हो जाता है। आपकी कुंडली में केंद्र में शुभ भाव है तो तब भी ये दोष रद्द हो जाता है।

एक जातक की कुंडली में मंगल दोष हो दूसरे की कुंडली में उन्हीं स्थानों पर शनि यदि पाप ग्रह होने से मांगलिक दोष का प्रभाव रद्द हो जाता है। तीन राशियां ऐसी है जिनके ऊपर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है। शास्त्रों में भी मंगल दोष को दूर करने के उपाय बताए गए हैं।

मेष राशि का मंगल लग्न में हो, वृश्चिक राशि का चौथे भाव में मकर का सातवें, कर्क राशि पर आठवें तो मंगल दोष रद्द हो जाता है।

मीन का मंगल सातवें भाव में कुम्भ राशि का मंगल अष्टम भाव में तो मंगल दोष रद्द हो जाता है।

शुक्र और चंद्र दूसरे भाव में आ गए,  केंद्र के भावों में राहु आ जाए तो मंगल दोष रद्द हो जाता है।

तीसरे और छठे में अशुभ ग्रह आते हैं तो लग्न मजबूत हो जाता है।

सप्तमेश यदि सप्तम भाव में हो तो मांगलिक दोष नहीं लगेगा।

मंगल अपने घर में और उच्च का हो तो मंगल दोष रद्द हो जाता है।

वर और वधु की कुंडली में राशि मैत्री हो और 27 से ज्यादा गुण मिलते हो तो मांगलिक दोष नहीं होता।

मंगल की तीन दृष्टि है 4, 7 और 8 । जहां पर वो दृष्टि पड़ेगी वो नेगेटिव ही है। जहां पर मंगल की दृष्टि पड़ेगी वो भाव भी नेगेटिव हो जाएगा। मंगल अष्टम में पड़ा  हो तो एक्सीडेंट्स हो सकता है। मंगल आपकी कुंडली में अगर शुभ ग्रह में आ जाए तो व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत हो जाता है।

मिथुन लग्न के लिए मंगल लग्न में हैं। राहु केंद्र में आ गया। राहु यहां पर आ जाएं तो मंगल रद्द हो जाता है। मंगल चौथे भाव में हैं। शुक्र यहां पर उच्च के हो गए। उच्च के शुक्र दसवें भाव में मंगल को देख रहे हैं। मंगल सप्तम में हैं और शुक्र लग्न में आ गए हैं। शुक्र शुभ है। ये केंद्र में आकर लग्न में बैठ गए हैं। मंगल अष्टम में अपनी राशि में आ जाएगा। गुरु केंद्र में आ गए चौथे भाव में दृष्टि दे रहे हैं तो भी रद्द हो जाएंगे। मंगल बारहवें भाव में चले गए और शुक्र की राशि में बैठे हैं।

नरेश कुमार
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