Masik Karthigai 2022: इन धातुओं के दीपक से करें अपनी मनोकामनाएं पूरी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Mar, 2022 08:27 AM

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आज मासिक कार्तिगाई दीपम पर्व है। हर महीने दक्षिण भारत में ये पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आप भी अपने घर में दीपक की रोशनी से सुख-समृद्धि को न्यौता दे सकते हैं। विभिन्न धातुओं के दीपकों के

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Masik Karthigai 2022: आज मासिक कार्तिगाई दीपम पर्व है। हर महीने दक्षिण भारत में ये पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आप भी अपने घर में दीपक की रोशनी से सुख-समृद्धि को न्यौता दे सकते हैं। विभिन्न धातुओं के दीपकों के महत्व एवं प्रभाव का उल्लेख किया जा रहा है, जिन्हें जलाने से उनसे संबंधित मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं :

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सोने का दीपक : सोने के दीपक को वेदी के मध्य भाग में गेहूं का आसन देकर और चारों तरफ लाल कमल या गुलाब के फूल की पंखुडिय़ां बिखेर कर स्थापित करें। इसमें गाय का शुद्ध घी डालें। बत्ती लम्बी बनाएं और इसका मुख पूर्व की ओर करें। सोने के दीपक में गाय का शुद्ध घी डालते हैं तो घर में हर प्रकार की उन्नति तथा विकास होता है। इससे धन तथा बुद्धि में निरंतर वृद्धि होती रहेगी। बुद्धि सचेत होकर बुरी वृत्तियों से सावधान करती रहेगी तथा धन सही स्रोतों से प्राप्त होगा।

चांदी का दीपक : पूजन में चांदी के दीपक को चावलों का आसन देकर सफेद गुलाब या अन्य सफेद फूलों की पंखुडिय़ों को चारों तरफ बिखेर कर पूर्व दिशा में स्थापित करें। इसमें शुद्ध देशी घी का प्रयोग करें। चांदी का दीपक जलाने से घर में सात्विक धन की वृद्धि होगी।

तांबे की दीपक : तांबे के दीपक को लाल मसूर की दाल का आसन देकर और चारों ओर लाल फूलों की पंखुडिय़ां बिखेर कर दक्षिण दिशा में स्थापित करें। इसमें तिल का तेल डालें और बत्ती लम्बी जलाएं। तांबे के दीपक में तिल का तेल डालने से मनोबल में वृद्धि होगी तथा अनिष्टों का नाश होगा।

कांसे का दीपक : कांसे के दीपक को चने की दाल का आसन देकर तथा चारों तरफ पीले फूलों की पंखुडिय़ां बिखेर कर उत्तर दिशा में स्थापित करें। इसमें तिल का तेल डालें। कांसे का दीपक जलाने से धन की स्थिरता बनी रहती है। अर्थात जीवन भर धन बना रहता है।

लोहे का दीपक : लोहे के दीपक को उड़द की दाल का आसन देकर चारों ओर काले या गहरे नीले रंग के पुष्पों की पंखुडिय़ां बिखर कर पश्चिम दिशा में स्थापित करें। इसमें सरसों का तेल डालें। लोहे के दीपक में सरसों के तेल की ज्योति जलाने से अनिष्ट तथा दुर्घटनाओं से बचाव हो जाता है।

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What is the purpose of lighting diyas ग्रहों की पीड़ा निवारण हेतु दीपक का प्रयोग :
जिस प्रकार पूजा में नवग्रहों को अंकित किया जाता है वैसे ही चौकी (बाजोट या पाटिया) के मध्य में सोने का दीपक रखा जाता है। सोने के दीपक में सूर्य का वास होता है। सबसे पहले  इसकी चौकी को तांबे में मढ़वाने का अर्थ है शरीर में रंग की शुद्धता तथा प्रचुरता क्योंकि तांबे में मंगल का वास है और शरीर में मंगल खून का नियंत्रक है। इसी तरह दीपकों को चौकी पर रखने का क्रम है।

Benefits of lighting lamp: जिस प्रकार पूजा क्रम में सूर्य मंडल को मध्य में रखकर पूजा की जाती है और माना जाता है कि सूर्य के चारों तरफ आकाश में उससे आकर्षित होकर सभी ग्रह उसकी परिक्रमा करते रहते हैं और उपग्रह अपने ग्रह के साथ सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं, उसी प्रकार अन्य दीपक सोने के दीपक के चारों ओर स्थापित किए जाते हैं।

Why should we light lamp everyday: मिट्टी या आटे का दीपक एक बार जलकर अशुद्ध हो जाता है। उसे दोबारा प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह दीपक पीपल एवं क्षेत्रपाल के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार इन पांच दीपकों को जलाने से सभी ग्रह अनुकूल हो जाते हैं साथ ही अन्य देवता प्रसन्न होते हैं।

What does Deepak stand for: इससे तीनों बल बुद्धि बल, धन बल और देहबल की वृद्धि होती है और विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस प्रकार यह दीप ज्योति जहां जप पूजा की साक्षी होती है, वहीं वह जीवन में इतना उपकार भी करती है कि जातक ग्रह की कृपा प्राप्त कर लेता है। 

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