बहुत साल पहले की बात है। एक शख्स दावा करता था कि वह सितारे देखकर लोगों का भविष्य बता सकता है। वह खुद को ज्योतिषी बताता था और उसका अधिकांश समय सितारों को घूरते हुए बीतता था।
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बहुत साल पहले की बात है। एक शख्स दावा करता था कि वह सितारे देखकर लोगों का भविष्य बता सकता है। वह खुद को ज्योतिषी बताता था और उसका अधिकांश समय सितारों को घूरते हुए बीतता था। वह हमेशा भविष्य को लेकर चिंतित रहता था। आसपास के लोग भी उससे अक्सर अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए आया करते थे।

एक दिन वह सड़क के किनारे चल रहा था। शाम का वक्त था। चलते समय भी उसकी आंखें सितारों पर थीं। वह सितारों को देखकर दावा कर रहा था कि यह दुनिया खत्म होने वाली है। चलते समय उसकी आंखें सितारों पर थीं, वह नीचे बिल्कुल नहीं देख रहा था। अचानक सामने कीचड़ से भरा गहरा गड्ढा आ गया और वह उसमें गिर गया।
वह उस दलदल वाले गड्ढे में डूबने लगा। वह बहुत छटपटा रहा था और गड्ढे से निकलने का प्रयास कर रहा था। खुद को असहाय पाकर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। आवाज सुनकर वहां के लोग गड्ढे के पास पहुंच गए।

लोग उसे खींचकर गड्ढे से बाहर निकाल ही रहे थे कि तभी वहां खड़े एक व्यक्ति ने कहा कि तुम आसमान में सितारे देखकर लोगों को भविष्य बताया करते थे, जबकि तुम यह नहीं देख सके कि तुम्हारे पैरों के नीचे क्या है। इस हादसे से सीख मिलती है कि उज्ज्वल भविष्य के लिए वर्तमान में संतुलन बनाए रखें। भविष्य को अपनी जगह छोड़ दें, जो सामने है उस पर ध्यान दें, यथार्थ में जिएं, वर्तमान ही सबका भविष्य तय करता है।
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