Edited By Lata,Updated: 16 Mar, 2020 11:38 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं लेकिन मलमास आने के कारण इनकी सं
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं लेकिन मलमास आने के कारण इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। बता दें कि इस बार ये दिन 19 मार्च को पड़ रहा है और इसे पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। जैसे कि इस एकादशी के नाम से ही पता चल रहा है कि यह सब पापों का नाश करने वाली तिथि है। शास्त्रों के अनुसार सभी एकादशियों में से इस व्रत का सबसे ज्यादा महत्व होता है। बता दें कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इसके फल और प्रभाव के बारे में अर्जुन को बताया था। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से मनुष्य के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। चलिए जानते हैं इस दिन के महत्व व इस दिन किए जाने वाले काम के बारे में-
महत्व
पापमोचिनी एकादशी हर वर्ष चैत्र मास में मनाई जाती है। पद्मपुराण के अनुसार पापमोचनी एकादशी के व्रत से धन-धान्य में फायदा और हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। जिस तरह कठिन तपस्या करके फल की प्राप्ति होती है, ठीक वैसे ही पुण्य पापमोचनी व्रत करने से भी मिलता है।
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इन बातों का रखें ख्याल
ऐसी मान्यता है कि जो भी पूरे मन से एकादशी व्रत को रखता है, उन्हें हमेशा सदाचार का पालन करना चाहिए।
पुराणों के अनुसार इस दिन लोग जितना त्याग करते हैं भगवान विषणु उन्हें उतनी अधिक संपन्नता प्रदान करते हैं।
इस दिन जो लोग व्रत नहीं कर पाते वे केवल अपने खाने में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल न करें और न ही बैंगन, मांस-मदिरा, पान-सुपारी खाएं।
व्रत के दौरान कांसे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। साथ ही प्रभु नारायण का स्मरण कर जागरण करना चाहिए।