Edited By Jyoti,Updated: 30 May, 2019 06:34 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार 31 मई, 2019 को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। आप में से लगभग लोग जानते होंगे कि प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को समर्पित है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार 31 मई, 2019 को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। आप में से लगभग सभी लोग जानते ही होंगे कि प्रदोष व्रत भगवान शिव जी को समर्पित है। माना जाता है कि सावन के सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के अलावा एक प्रदोष व्रत का ही दिन ऐसा है जिस दिन भोलेनाथ से अपनी इच्छा अनुसार वरदान पाया जा सकता है। लेकिन ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिन्हें ये समझ नहीं आता कि आख़िर इनकी पूजा कैसे करना चाहिए और ऐसा क्या है जो करने से भोलेनाथ अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी दिलचस्प बातें-
प्रदोष के दिन या नियमित प्रदोषकाल में इस स्तोत्र का पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। रोगों से मुक्ति मिलती है।
जो व्यक्ति कुंडलिनी जागरण करना चाहते हैं उन्हें इसका पाठ अवश्य करना चाहिए।
शिव तांडव स्तोत्र का 1008 पाठ करने से हर कामना सिद्ध हो जाती है। साथ ही जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहता है।
सावधानी
शिव तांडव स्तोत्र एक जागृत और सिद्ध स्तोत्र है। इसके पाठ में कुछ सावधानियां रखना अत्यंत आवश्यक हैं, वरना इसका लाभ नहीं मिलता और आपकी साधना व्यर्थ जा सकती है।
इस स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण की शुद्धता रखें। धीरे-धीरे आराम से पढ़ें लेकिन पढ़ने में कोई गलती ना हो।
स्तोत्र का पाठ करते समय बीच में ना बोलें, ना किसी की बात का जवाब दें।
पूर्ण ध्यान और एकाग्रता से इसका पाठ करें।
जब तक स्तोत्र याद ना हो जाए तब इसका पाठ करते समय नेत्र की सीध में शिवलिंग रखें या भगवान शिव का चित्र रखें।