Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Apr, 2018 04:30 PM
भगवान विष्णु ने द्वापर युग में कंस का वध करने के लिए कान्हा यानी श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया। श्री हरि के इस रूप के पूजन का बहुत महत्व माना जाता है। लेकिन इनकी पूजा में किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है यानी किन चीजों का होना बहुत जरूरी है। आज हम...
भगवान विष्णु ने द्वापर युग में कंस का वध करने के लिए कान्हा यानी श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया। श्री हरि के इस रूप के पूजन का बहुत महत्व माना जाता है। लेकिन इनकी पूजा में किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है यानी किन चीजों का होना बहुत जरूरी है। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं आपको उन्हीं 10 चीजों के बारे में बता रहे हैं।
आसान
श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापना सुंदर आसान पर करनी चाहिए। आसान लाल, पीले या केसरिया रंग का व बेलबूटों-रत्नों से सजा हुआ होना चाहिए।
पाघ
जिस बर्तन में भगवान के चरणों को धोया जाता है, उसे पाघ कहते हैं। इसमें शुद्ध पानी भरकर, फूलों की पंखुड़ियां डालनी चाहिए।
पंचामृत
यह शहद, घी, दही, दूध और शक्कर को मिलाकर तैयार करना चाहिए। फिर शुद्ध बर्तन में उसका भोग भगवान को लगाएं।
अनुलेपन
पूजा में उपयोग आने वाले दूर्वा, कुंकुम, चावल, अबीर, अगरु, सुगंधित फूल और शुद्ध जल को अनुलेपन कहा जाता है।
आचमनीय
आचमन (शुद्धिकरण) के लिए प्रयोग में आने वाला जल आचमनीय कहलाता है। इसमें सुगंधित द्रव्य व फूल डालने चाहिए।
स्नानीय
श्रीकृष्ण के स्नान के लिए प्रयोग में आने वाले द्रव्यों (पानी, दूध, इत्र व अन्य सुगंधित प्रदार्थ) को स्नानीय कहा जाता है।
फूल
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में सुगंधित और ताजे फूलों का बहुत महत्व माना जाता है। इसलिए शुद्ध और ताजे फूलों का ही प्रयोग करना चाहिए।
भोग
जन्माष्टमी की पूजा के लिए बनाए जा रहें भोग में मिश्री, ताजी मिठाइयां, ताजे फल, लड्डू, खीर, तुलसी के पत्ते शामिल करने चाहिए।
धुप
विभिन्न पेड़ों के अच्छे गोंद तथा अन्य सुगंधित प्रदार्थों से बनी धूप (अगरबती) भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय मानी जाती है।
दीप
चांदी, तांबे या मिट्टी के बने दिए में गाय का शुद्ध घी डालकर भगवान की आरती विधि-विधान पूर्वक उतारनी चाहिए।