Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Apr, 2021 09:07 AM
मां दुर्गा की नौंवी शक्ति मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ बुधवार को नवरात्र पर्व की समाप्ति हो गई। इस दिन रामनवमी की पूजा भी की जाती है। इसीलिए मंदिरों में रामनवमी के अवसर पर रामायण का पाठ किया गया। हालांकि कोविड के बढते संक्रमण को देखते हुए
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): मां दुर्गा की नौंवी शक्ति मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ बुधवार को नवरात्र पर्व की समाप्ति हो गई। इस दिन रामनवमी की पूजा भी की जाती है। इसीलिए मंदिरों में रामनवमी के अवसर पर रामायण का पाठ किया गया। हालांकि कोविड के बढते संक्रमण को देखते हुए मंदिरों में दर्शनार्थियों के आने पर पूर्णत: रोक थी लेकिन पूजारियों द्वारा विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया गया।
मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ नवरात्र सम्पन्न
पौराणिक कथाओं के अनुसार चारभुजाधारिणी मां सिद्धिदात्री साधकों को सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं। इनकी कृपा से भगवान शिव को सिद्धियां प्राप्त हुई और उनका आधा शरीर देवी का हुआ, जिसके चलते वो जगत में अद्र्धनारीश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुए। मां का वाहन सिंह है और मां सिद्धिदात्री कमल के पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प होता है। इनकी अराधना करने वाला साधक इनकी कृपा से संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ मोक्ष को प्राप्त करता है। इनके साधक के भीतर कोई कामना शेष नहीं बचती है।
नहीं हुआ कन्यापूजन
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोई भी अपने बच्चों को आस-पड़ोस में भेजने से कतरा रहा है, वहीं लोग भी अपने घर बच्चों को बुलाने में डर रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने इस बार बिना कन्यापूजन के ही नवमी मनाई।