Ram Navami 2021: श्री राम और उनके परिवार से जुड़ी बातें, क्या आप जानते हैं?

Edited By Jyoti,Updated: 20 Apr, 2021 02:19 PM

ram navami 2021

21 अप्रैल को चैत्र मास के शुक्ल पक्षी की नवमी तिथि तो देवी दुर्गा के साथ श्री राम का पूजन विशेष रहेगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्री राम   के रूप में जन्म लिया था।

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21 अप्रैल को चैत्र मास के शुक्ल पक्षी की नवमी तिथि तो देवी दुर्गा के साथ श्री राम का पूजन विशेष रहेगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्री राम   के रूप में जन्म लिया था। जिसके उपलक्ष्य में पूरा भारत इस दिन को धूम धाम से मनाता है। श्री राम के जीवन से जुड़ी बातें जानने के लिए हिंदू धर्म के ग्रंथ रामायण को पढ़ने की हिदायत दी जाती है। परंतु आज कल के समय में लोग हर चीज़ के लिए शार्टकट अपनाने में यकीन करते हैं। कहने का भाव है कि हिंदू धर्म के ग्रंथों को पढ़ने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है, हालांकि हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इन्हें पढ़ना चाहिए। 

क्योंकि इसमें न केवल हिंदू धर्म के देवी-देवताओं से जुड़े रहस्य लिखे हैं, बल्कि इन्हीं रहस्यों में मनुष्य जीवन के कई अहम भी संबंध रखते हैं। जिन्हें जानने के बाद एक आम इंसान अपने जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम हो पाते हैं।

चूंकि कल यानि 21 अप्रैल को श्री राम नवमी का पर्व है इसलिए हम आपकी इस पावन अवसर पर राम चंद्र के तथा उनके परिवार से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। तो अगर आप भी कुछ ही समय में श्री राम के साथ-साथ उनके परिवार से जुड़ी खास बातें जानना चाहते हैं तो एक बार आगे दी जानकारी को ध्यान से ज़रूर पढ़ें। 

श्री राम के बारे में तो लगभग लोग जानते हैं परंतु इनके कुल आदि से बहुत ही कम लोग अवगत हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुासर विवस्वान (सूर्य) पुत्र वैवस्वत मनु और वैवस्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में आगे चलकर भागीरथ, हरिश्चंद्र, सगर, पृथु, रघु आदि कई महान लोग हुए, इन्हीं में से एक थे राजा दशरथ हुए, जिनकी तीन पत्नियां थीं, कौशल्या, सुमित्रा, कैकयी।

मान्यताओं हैं कि माता कौशल्य की एक पुत्री शांता व एक पुत्र राम थे। देवी सुमित्रा के दो पुत्र लक्ष्मण व शत्रुघ्न तथा माता कैकयी के पुत्र थे भरत। श्री राम व उनके तीनों भाईयों के दो गुरु थे, महर्षि वशिष्ठ एंव विश्वामित्र। 

श्री राम ने जनक पुत्री देवी सीता से विवाह किया, जिनसे इन्हें दो पुत्र प्राप्त लव-कुश प्राप्त हुए थे। 

श्री राम के सबसे प्रिय भ्राता लक्ष्मण जी ने राजा जनक के भआई कुशध्वज की पुत्री उर्मिला से विवाह किया था, इनसे इन्हें अंगद तथा चंद्रकेतु नामक दो पुत्र था सोमदा नामक एक पुत्री प्राप्त हुई थी। कुछ मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मण जी की दो पत्नियां और थीं जिनका नाम जितपद्मा और वनमाला था। 

भरत जी ने राजा कुशध्वज की पुत्री मांडवी से विवाह किया था, इनके दो पुत्र थे, तक्ष और पुष्कल। बात कें शत्रुघ्न की पत्नी श्रृतकीर्ति भी राजा कुशध्वज की ही पत्नी थी, जो राजा जनक के भाई थे। इनके पुत्र थे सुबाहु और शत्रुघाती। 

इनके अलावा श्री राम की दो बहनें थी, जिनमें से एक थी शांता व एक कुकबी। हालांकि शास्त्रों में ज्यादकर वर्णन शांता जी के बारे में ही मिलता है। कथाओं के अनुसार भगवान राम की बड़ी बहन का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने किया, जो महारानी कौशल्या की बहन अर्थात राम की मौसी थीं। 

इनका विवाह महर्षि विभाण्डक के पुत्र ऋंग ऋषि से हुआ। कथाओं प्रचलित हैं कि ऋंग ऋषि ने ही दशहरथ जी का पुत्रेष्टि यज्ञ किया था जिसके चलते राम, लक्ष्मण, भारत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था।
 

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