Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Mar, 2020 07:36 AM
आज 25 मार्च, चैत्रमास के कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि है। ये दिन रंगपंचमी के नाम से जाना जाता है और देवी-देवताओं को समर्पित है। रंग-बिरंगी होली के 5 दिन बाद ये पर्व आता है और होली की तरह ही रंग-बिरंगे रंगों से होली खेली जाती है।
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Rangpanchami 2020: आज 13 मार्च, चैत्र मास के कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि है। ये दिन रंगपंचमी के नाम से जाना जाता है और देवी-देवताओं को समर्पित है। रंग-बिरंगी होली के 5 दिन बाद ये पर्व आता है और होली की तरह ही रंग-बिरंगे रंगों से होली खेली जाती है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होकर पंचमी तिथि तक ये मनाया जाता है। वैसे तो ये पूरे भारत में पूरे जोर-शोर के साथ मनाया जाता है लेकिन मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में इस पर्व की अधिक धूम रहती है। इस रोज़ घर में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं विशेषकर 'पूरणपोली'।
कहते हैं इस दिन हवा में अबीर-गुलाल उड़ाने से देवी-देवता आकर्षित होते हैं। वातावरण में पॉजिटिविटी आती है। जो लोग इस अबीर-गुलाल का स्पर्श करते हैं उनके विचार और स्वभाव से पाप कर्म कोसों दूर रहते हैं। नकारात्मकता उनके जीवन में चाह कर भी अपना स्थान नहीं बना पाती।
देवी-देवताओं को प्रसन्न करने से लेकर कुंडली के हर दोष को खत्म करने के लिए ये दिन सर्वोत्तम है। मान्यता है की जो व्यक्ति धनवान बनना चाहता है उन्हें राधा कृष्ण की सात्विक पूजा करनी चाहिए। उनके चित्र अथवा प्रतिमा पर अबीर गुलाल लगाएं। इसके अलावा ये उपाय भी किए जा सकते हैं-
नहाने के पानी में गंगा जल डालकर नहाएं अन्यथा हाथ-मुंह धोएं।
मां लक्ष्मी को गुलाब के फूलों की माला पहनाएं।
घर के मंदिर में गुलाब की अगरबत्ती लगाएं।
किसी भी सफ़ेद मिठाई का राधा कृष्ण को भोग लगा कर गरीबों में बांट दें।
सरकारी नौकरी या मनपसंद जॉब के लिए ये उपाय करें-
भगवान सूर्य नारायण को जल चढ़ाएं और इस मंत्र का कम से कम एक माला जाप करें ॐ घृणि सूर्याय नमः, तीन प्रदक्षिणा करें। ये क्रम आज से आरंभ करके 40 दिन तक करना है।
जब तक नौकरी न मिल जाए तब तक हर रोज़ गायत्री मंत्र का पाठ करें।
गुलाबी रंग के कपड़े पहन कर राधा कृष्ण के मंदिर जाएं, उन्हें मोर पंख भेंट करें।
ये उपाय गृह-क्लेश को दूर करेंगे-
साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर में गंदगी न रखें।
कच्चे दूध में गंगा जल डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। थोड़ा सा जल घर लाकर छिड़काव करें। फिर 7 परिक्रमा करें और वहीं आसन बिछाकर बैठ जाएं ॐ श्री पितृदेवताय नमः मंत्र का अपनी शक्ति के अनुसार जाप करें।
गुड़ का दान करें।