Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Jul, 2019 11:08 AM
ज्योतिष के अनुसार संक्रान्ति यानि सूर्य की गति के हिसाब से ही देसी महीने की गणना की जाती है तथा प्रत्येक महीने में आने वाली संक्रान्ति से ही नया अगला देसी महीना शुरु माना जाता है। इसी के अनुसार
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ज्योतिष के अनुसार संक्रान्ति यानि सूर्य की गति के हिसाब से ही देसी महीने की गणना की जाती है तथा प्रत्येक महीने में आने वाली संक्रान्ति से ही नया अगला देसी महीना शुरु माना जाता है। इसी के अनुसार श्रावण मास की संक्रान्ति 16 जुलाई को है तथा इसी दिन से सावन मास शुरु होगा, जिन भक्तों ने संक्रान्ति से संक्रान्ति तक भगवान शिव का पूजन करना है वह 16 जुलाई को श्रावण संक्रान्ति से भाद्रपद संक्रान्ति यानि 17 अगस्त तक भगवान शिव को प्रसन्न करने का संकल्प करके पूजन एवं रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
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पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सावन मास
जिन भक्तों ने चन्द्रमा के हिसाब यानि पूर्णिमा से पूर्णिमा तक भगवान शिव का पूजन करना है वह आषाढ़ मास की पूर्णिमा 16 जुलाई यानि गुरु पूर्णिमा से श्रावण मास की पूर्णिमा यानि 15 अगस्त तक भगवान शिव पूजन का संकल्प करके पूजन कर लकते हैं। इसके अतिरिक्त बहुत से वैष्णव जन एकादशी के हिसाब से भी पूजन करते हैं।
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एकादशी से एकादशी तक सावन मास
भगवान को एकादशी तिथि अति प्रिय है तथा भक्ति की जननी है, इसी कारण एकादशी से सावन मास के पूजन का संकल्प करने वाले भक्त शुक्ल पक्ष की हरिशयनी एकादशी यानि 12 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने वाली पवित्रा एकादशी तक भगवान शिव का पूजन कर सकते हैं।
प्रस्तुति वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com