17 अक्टूबर से नवरात्र का आरंभ होगा, जो 25 अक्टूबर तक चलेगा और इसी दिन बुराई पर अच्छाई की जीत विजयदशमी का त्यौहार मनाया जाएगा। इन दिनों अपनी किसी भी समस्या का समाधान चाहते हैं तो
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Navratri Mahotsav: 17 अक्टूबर से नवरात्र का आरंभ होगा, जो 25 अक्टूबर तक चलेगा और इसी दिन बुराई पर अच्छाई की जीत विजयदशमी का त्यौहार मनाया जाएगा। इन दिनों अपनी किसी भी समस्या का समाधान चाहते हैं तो तांत्रिक क्रियाओं में उपयोग होने वाले सिंदूर का इस्तेमाल करें। प्राचीनकाल से तंत्र शक्तियों को बलवान करने के लिए सिंदूर का प्रयोग होता आ रहा है। यहां सिंदूर से संबंधित कुछ टोने-टोटके बताए जा रहे हैं, जिनका उपयोग वैसे तो कभी भी किया जा सकता है लेकिन 17 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक इसका प्रयोग करने का खास महत्व है।

Sindoor Upay In Navratri: सदियों से यह मान्यता चली आ रही है की विवाहित महिलाएं यदि सिंदूर लगाएं तो उनके सुहाग की उम्र लंबी होती है। देवी सीता को सिंदूर लगाते देख हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर आ गए थे की उनके प्रभु अमर हो जाएंगे।

Door Vastu Tips: वास्तु विद्वान कहते हैं घर के मुख्यद्वार पर पर सिंदूर और तेल लगाने से सभी तरह का वास्तुदोष दूर होता है।

Sindoor Ke Upay: माना जाता है की हिन्दू देवियों की पूजा सिंदूर के प्रयोग किए बिना अधूरी रहती है। घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश रोकने के लिए प्रतिदिन मां को सिंदूर अर्पित करें और घी का दीपक लगाएं।

Importance of Sindoor: नवरात्र में मंगलवार और शनिवार के दिन शुद्ध घी में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को लगाएं, जीवन से हर प्रकार की शत्रुबाधा और डर से मुक्ति मिलेगी।
देवी दुर्गा के स्वरूप पर सिंदूर अर्पित करने से संतापों का नाश होता है, वैभव और समृद्धि में बढ़ौतरी होती है।
नवदुर्गा पर सिंदूर चढ़ाकर बचे सिंदूर को घर में रखने से सौभाग्य वृद्धि होती है।
सुहागन महिला सिंदूर खरीदकर सबसे पहले उसे देवी पार्वती की मांग में सजाएं, फिर उस प्रसाद को नियमित अपनी मांग में लगाएं। पति की उम्र लंबी होगी, प्रेम बना रहेगा।
हत्थाजोड़ी पर सिंदूर चढ़ाएं, फिर देवी की अराधना करें। धन-वैभव में वृद्धि होगी।
माना जाता है की सम्मोहन शक्ति और वशीकरण शक्ति बढ़ानी हो तो महाकाली का पूजन करने से पूर्व सियारसिंगी पर सिंदूर चढ़ाना चाहिए।
प्रतिदिन घर के मैनगेट पर सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होगा, कोई भी बुरी बला सिर नहीं उठा पाएगी।

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