Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jan, 2024 10:36 AM
रामेश्वरम में रामसेतु पुल बन रहा था। हनुमान जी सहित वानर-भालू सभी अपना सहयोग दे रहे थे। नल और नील को एक ऋषि का श्राप था कि तुम जो पत्थर समुद्र में फैंकोगे, वह
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Story Of A Squirrel In Ramayana: रामेश्वरम में रामसेतु पुल बन रहा था। हनुमान जी सहित वानर-भालू सभी अपना सहयोग दे रहे थे। नल और नील को एक ऋषि का श्राप था कि तुम जो पत्थर समुद्र में फैंकोगे, वह तैरता रहेगा।
How was the squirrel helping rama: कोई वहां पत्थर पहुंचा रहा था, कोई बड़े-बड़े वृक्ष लाकर दे रहा था। वहां पर एक नन्ही गिलहरी भी रामसेतु पुल में अपना योगदान (सहयोग) कर रही थी। वह बार-बार समुद्र के किनारे जाती, वहां लेटकर अपने शरीर में जो रेत चिपकती थी, रामसेतु पुल वाले स्थान पर फैंक देती थी।
Lord Rama and the Squirrel: किसी ने उसे देख कर प्रभु श्री राम को बताया तो उन्होंने नन्ही गिलहरी को अपने कोमल हाथ में लेकर उसकी पीठ पर प्यार से हाथ फेरा तो उसके शरीर पर प्रभु की उंगलियों के निशान पड़ गए, जो आज भी आप हर गिलहरी पर देख सकते हैं।