Edited By Lata,Updated: 03 Dec, 2019 10:03 AM
जीवन में आगे बढ़ने के लिए क्या करना चाहिए, इस बिन्दु पर आकर हम कुछ समय के लिए ठहर जाते हैं।
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जीवन में आगे बढ़ने के लिए क्या करना चाहिए, इस बिन्दु पर आकर हम कुछ समय के लिए ठहर जाते हैं। किसी उचित फैसले पर पहुंचना आसान नहीं रह जाता। जाहिर है कि उस क्षण हम सारी संभावनाओं को टटोलने लगते हैं। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही विचार भ्रमित करने लगते हैं। मन में एक डर भी पैदा हो जाता है कि गलत निर्णय कहीं पथ से भटका न दे। ऐसे समय में किसी को परेशान नहीं होना चाहिए। यह एक स्वाभाविक वृत्ति है। न चाहते हुए भी इसका सामना करना पड़ता है। इसमें हमारी सोच और सामथ्र्य की परीक्षा भी होती है। जो परीक्षा से घबराता है, वह पहले ही असफलता की इबारत लिखना शुरू कर देता है। उसका न खुद पर और न किसी और पर विश्वास रह जाता है।
तय मानिए कि जीवन में आगे जाने के लिए किसी न किसी विश्वास की जरूरत होती है। एक सवाल उठता है कि किस पर करें विश्वास? आदमी इसी दोराहे पर आकर अटक जाता है। सही विश्वास जहां सही लक्ष्य की ओर ले जाता है, गलत विश्वास उम्र भर के लिए भटका देता है। यही समय है जब गहन चिंतन की आवश्यकता होती है।
महावीर हों या बुद्ध, नानक हों या क्राइस्ट, हर किसी ने कहा है, 'तुम अपने पर विश्वास करो। बुद्ध ने यहां तक कहा कि स्वयं दीपक बनो। महावीर ने अपने से सत्य की खोज की बात कही, सत्य को पाना अपने को पाना है और अपने को खोना सत्य को खोना है इसलिए तुम अपने से जुड़ो।