स्वास्तिक का निशान दूर करता है जीवन से वास्तु दोष!

Edited By Jyoti,Updated: 30 May, 2021 03:50 PM

swastika importance in hindu dharm and vastu shastra

सनातन धर्म के ग्रंथों में स्वास्तिक चिन्ह को बेहद शुभ व पावन माना जाता है। प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान व कार्य में इसका उपयोग किया जाता है बल्कि कहा इसके अलावा बौद्ध धर्म व जैन धर्म में भी

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सनातन धर्म के ग्रंथों में स्वास्तिक चिन्ह को बेहद शुभ व पावन माना जाता है। प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान व कार्य में इसका उपयोग किया जाता है बल्कि कहा इसके अलावा बौद्ध धर्म व जैन धर्म में भी इसका अधिक महत्व है। तो वहीं वास्तु शास्त्री बताते हैं कि अपने घर या दुकाना आदि पर इसे लगाना चाहिए। मगर ऐसा क्यों किया जाना चाहिए। इसके बारे में लोगों को इतनी जानकारी नहीं है। तो आइए आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देते हैं कि धार्मिक शास्त्रों में इसकी क्या महत्व है। 

ज्योतिष व धार्मिक शास्त्र के अनुसार स्वास्तिक में चारों रेखा होती हैं, जिनके बारे में अलग-अलग मत प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि स्वास्तिक की ये चारों रेखाएं चारों दिशाओं-पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण की ओर संकेत करती हैं। तो कुछ लोग कहते हैं कि ये चारों रेखाएं, चारों वेदों की प्रतीक हैं, कछ लोगों का कहना है कि ये चार रेखाएं भगवान ब्रह्मा के चार सिरों की दर्शाती हैं।

अक्सर देखा जाता है कि स्वास्तिक हमेशा लाल रंग का ही बनाया जाता है। इसके पीछे के कारण की बात करें तो कहा जाता है कि हिंदू धर्म में लाल रंग खास महत्त्व है। इसलिए ही हिंदू धर्म में पूजा पाठ के समय व हर शुभ कार्य करने के समय लाल रंग का उपयोग किया जाता है। 

वास्तु शास्त्री बताते हैं कि घर के मुख्य द्वारा पर स्वास्तिक निशान बनाने से घर की सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है तथा घर-परिवार में सुख- समृद्धि बनी रहती है।

जिस किसी व्यक्ति के व्यापार में हानि हो रही है तो ईशान कोण में लगातार 7 गुरुवार तक सूखी हल्दी से स्वास्तिक का निशान बनाना शुभ माना जाता है।
 

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