Sawan 2021: क्या आप जानते हैं कहां नागों का तीर्थ अगर नहीं तो जानें यहां

Edited By Jyoti,Updated: 31 Jul, 2021 02:57 PM

takshkeshwar nath temple

श्रावण मास में भगवान शंकर के विभिन्न धार्मिक स्थलों में विशेष प्रकार का पूजन आदि किया जाता है। कहा जाता है इन मंदिरों में जाने से और विधि वत रूप से अर्चना करता है उसके जीवन की कठिनाईयों

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श्रावण मास में भगवान शंकर के विभिन्न धार्मिक स्थलों में विशेष प्रकार का पूजन आदि किया जाता है। कहा जाता है इन मंदिरों में जाने से और विधि वत रूप से अर्चना करता है उसके जीवन की कठिनाईयों को भोलेनाथा दूर कर देते हैं। बताया जाता है शंकर के जितने मंदिर हैं, उतने ही उन मंदिरों से जुड़े रहस्य। इससे भी खास बात ये है कि इन मंदिरों का संबंध भगवान शंकर के अलावा सनातन धर्म के कई अन्य पात्रों सेे जुड़ा हुआ है। तो चलिए आज जानते हैं कुंभ नगरी के नाम से प्रसिद्ध प्रयागराज में यमुना के किनारे दरियाबाद में स्थित तक्षकेश्वर नाथ मंदिर के बारे में। जिसके बारे में मान्यता प्रचलित है कि यहां पूजा अर्चना करने वाला तमाम तरह के दोषों से राहत पाता है तथा उसके जीवन की बाधाएं भी दूर होने लगती हैं। 

दरअसल इस मंदिर के बारे में प्रचलित किंवदंतियों के अनुसार यह धार्मिक स्थल संपूप्ण सर्पजाति के स्वामी राजा तक्षक नाग को समर्पित है। ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं कि रुद्रलोक के नागों के प्रमुख श्री तक्षक की सावन मास में यहां विधि पूर्वक उपासना करने से सभी दोष और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। तो वहीं इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां मंदिर के पास कुंड स्थापित हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण द्वारा मथुरा से भगाए गए तक्षक नाग ने इसी कुंड में आकार शरण ली थी। ऐसा कहा जाता है कि सतयुग के श्री शेषनाग, त्रेतायुग के अनंतनाग, द्वापर में श्री वासुकी और कलयुग में तक्षक नाग ही प्रमुख पूजनीय हैं। इस मंदिर को नागों के तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।

पूजा से दूर होते हैं सभी दोष
लोक मत है इस पावन धाम को कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सिद्ध धाम माना गया है। यही कारण है जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है वो दूर दूर से यहां आकर पूजा करते हैं। खासतौर पर लोग किसी भी शुक्ल पक्ष की पंचमी, विशेष नक्षत्र, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण या अन्य किसे विशष दिन इस कार्य के लिए यहां पहुंचते हैं। माना जाता है कि इस धाम के दर्शन मात्र से राहु की महादशा, नागदोष एवं विषबाधा से निजात मिलती है। इनके दर्शन से परिवार के किसी भी सदस्य को भविष्य में सांप, बिच्छु, आदि के काटने का भय समाप्त हो जाता है। घर परिवार में सुख-समृद्धि के साथ-साथ सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा बताया जाता है कि खासतौर पर अगहन और श्रावण मास की पंचमी को तक्षक कुंड में स्नान कर भगवान तक्षकेश्वरनाथ की पूजा करने से समस्त कुल की विषबाधा दूर होती है। हालांकि बताया जाता है जो लोग अगहन और सावन के मास में नहीं आ पाते, वे किसी भी मास की या सभी मास की शुक्ल पंचमी को इनका दर्शन कर सकते हैं।

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