Edited By Jyoti,Updated: 02 Apr, 2018 11:55 AM
अगर बात की जाए कि दुनिया में सबसे ज्यादा मंदिर आदि कहा हैं, तो भारत का नाम इस सूची में सबसे ऊपर आता है। भारत एक एेसा देश है जहां एेसे कईं मंदिर आदि हैं जो अपने इतिहास व रहस्य को लेकर बहुत प्रसिद्ध है। आज हम आपको उन्हीं में से 5 एेसे भव्य मंदिरों के...
अगर बात की जाए कि दुनिया में सबसे ज्यादा मंदिर आदि कहा हैं, तो भारत का नाम इस सूची में सबसे ऊपर आता है। भारत एक एेसा देश है जहां एेसे कईं मंदिर आदि हैं जो अपने इतिहास व रहस्य को लेकर बहुत प्रसिद्ध है। आज हम आपको उन्हीं में से 5 एेसे भव्य मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका निर्माण केवल एक रात में हुआ था। लेकिन इन मंदिरों को देखने के बाद इस बात पर विश्वास कर पाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि ये मंदिर इतने विशाल हैं कि इस तरह के मंदिरों को तैयार करवाने में वर्षों लग जाएं। परंतु इसके बारे में विख्यात कथाएं व मान्यताएं के अनुसार तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं लगते।
ये हैं वे 5 भव्य मंदिर-
गोविंद देवजी मंदिर (वृंदावन)
श्रीकृष्ण की प्रमुख नगरी में से एक वृंदावन हैं। इस नगरी में गोविंद देव जी का एक मंदिर हैं, जिसके निर्माण की गाथा श्रीकृष्ण की लीला की ही तरह अद्भुत है। मान्यता अनुसार यह मंदिर एक रात में बनकर तैयार हुआ था। इस मंदिर को करीब से देखने पर अधूरा सा लगता है। लोक मान्यता अनुसार भूतों द्वारा व या दिव्य शक्तियों द्वारा पूरी रात में इस मंदिर को तैयार किया था। सुबह होने से पहले ही किसी ने चक्की चलानी शुरु कर दी जिसकी आवाज से मंदिर का निर्माण करने वाले काम पूरा किए बिना चले गए।
देवघर मंदिर (झारखंड)
झारखंड स्थिति देवघर के मंदिर के विषय में भी कथा है कि देव शिल्पी विश्वकर्मा ने यहां मंदिरों के निर्माण का काम एक रात में किया है। मंदिर प्रांगण में देवी पार्वती का मंदिर बाबा बैजनाथ और विष्णु मंदिर से छोटा है। इसके पीछे कथा है कि देवी पार्वती के मंदिर का निर्माण कार्य होते-होते सुबह हो गई जिससे मंदिर अधूरा रह गया। देवघर के मंदिर की एक अनूठी बात यह है कि इसमें प्रवेश का मात्र एक दरवाजा है।
ककनमठ (मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश के मुरैना जिला से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राचीन शिव मंदिर है ककनमठ। कच्छवाहा वंश के राजा कीर्ति सिंह के शासन काल में बने इस मंदिर को लेकर एक किंवदंती है कि यह मंदिर एक रात में बना है जिसका निर्माण भोलेनाथ के गण यानी भूतों ने किया है। इस मंदिर में एक कमाल की बात यह भी है कि इसके निर्माण में गाड़े या चूने का प्रयोग नहीं है। पत्थरों पर पत्थर इस तरह रखे गए हैं कि उनके बीच संतुलन बना हुआ है और आंधी तूफान भी इसे हिला नहीं सकते।
हथिया देवाल (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक शापित मंदिर है स्थापित है, जिसका नाम है हथिया देवाल। इस मंदिर के बारे में कथा कि एक हाथ वाले शिल्पकार ने एक रात में ही इस मंदिर का निर्माण कर दिया था। शिवलिंग का अर्घा दक्षिण दिशा में होने के कारण इस मंदिर में पूजा करना अच्छा नहीं माना जाता।
भोजेश्वर मंदिर (मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भोजेश्वर मंदिर, जिसे उत्तर भारत का सोमनाथ मंदिर भी कहा जाता है। पहाड़ी के ऊपर बने इस मंदिर के निर्माण की कथा का संबंध द्वापर युग यानी महाभारत काल से है। कहते हैं कि यहां पांडवों ने अपनी माता कुंती के लिए रातों रात विशाल शिवलिंग की स्थापना की थी।