Edited By Jyoti,Updated: 16 May, 2018 04:54 PM
हिंदू धर्म के नवग्रहों में गुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान और बुद्धि के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाह और संतान सुख देने वाली मानी गई है।
हिंदू धर्म के नवग्रहों में गुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान और बुद्धि के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाह और संतान सुख देने वाली मानी गई है। वही भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक गुरु के बलवान होने पर इंसान शास्त्र, विद्या, ज्ञान द्वारा प्रतिष्ठा, धन और सुख पाता है।
इसी तरह कुंडली में गुरु के विपरीत योग और प्रभाव से मानसिक कष्ट के साथ भाग्य बाधा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही विवाह और संतान बाधा आती है। अगर आप भी ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे हैं और सफलता और सुखों की कामना रखते हैं तो गुरु दोष शांति के लिए यहां बताए जा रहे विशेष गुरु मंत्र का जप करें-
इस मंत्र जप के लिए विशेष रूप से गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर गुरु बृहस्पति की उपासना में पीली पूजा सामग्री अर्पित करें। पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग का नैवेद्य गुरु बृहस्पति को बहुत प्रिय माने गए हैं। इसके बाद नीचे लिखे गुरु गायत्री मंत्र का यथाशक्ति पीले आसन पर बैठ कम से कम 108 बार जप या ध्यान करें-
ॐ अंगिरोजाताय विद्महे,
वाचस्पते धीमहि,
तन्नो गुरु: प्रचोदयात।।
मंत्र जप के बाद बृहस्पति की आरती कर जीवन में सुख-सफलता की कामना करें।