Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Nov, 2023 12:51 PM
भारतीय संस्कृति में करवा चौथ को पति-पत्नी के असीम प्रेम का पर्व माना गया है। पारंपरिक रूप से करवा चौथ पर पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं तथा रात को चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देकर
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vakratunda Sankashti Chaturthi 2023: भारतीय संस्कृति में करवा चौथ को पति-पत्नी के असीम प्रेम का पर्व माना गया है। पारंपरिक रूप से करवा चौथ पर पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं तथा रात को चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो यह गजानन गणेश की आराधना का पर्व है।
What is karva chauth क्या है करवा चौथ
संस्कृत भाषा में मिट्टी के कलश को करवा कहा जाता है। प्रत्येक हिंदू माह में दो चतुर्थी आती हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 24 चतुर्थियां आती हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को ही आम बोलचाल की भाषा में करवा चौथ कहा जाता है। इस दिन विधिवित रूप से गणपति की आराधना की जाती है। करवा अर्थात मिट्टी के कलश की स्थापना कर उस पर गणपति को विराजमान किया जाता है। गणपति की पूजा के बाद उनकी स्तुति एवं मंत्रों आदि का पाठ किया जाता है। पूरे दिन व्रत रखा जाता है। इसके बाद रात को चंद्रमा के दर्शन कर व्रत खोला जाता है।
This is how the festival of married women became ऐसे बना सुहागन स्त्रियों का त्यौहार
शास्त्रों में चंद्रमा को पुरुष माना गया है जबकि पतिव्रता स्त्रियों के लिए पति के अलावा अन्य किसी पुरुष का दर्शन करना पाप माना गया है। ऐसे में एक विधान बनाया गया है कि महिलाएं पति की ओट में चंद्रमा देख कर दर्शन कर अपना व्रत खोलती हैं। कालांतर में यही व्रत पति की लंबी आयु की कामना पूरी करने वाले व्रत में बदल गया।
Married women should worship like this on this day सुहागन स्त्रियों को ऐसे करने चाहिए इस दिन पूजा
सुबह जल्दी उठ कर स्नान-आदि से निवृत्त होकर शुभ मुहूर्त में गणपति की पूजा करें। उनके मंत्रों अथवा स्तुतियों का जप करें। उन्हें चूरमे या लड्डू का भोग लगाएं। पूरा दिन व्रत रखें। उनसे पति की लंबी आयु तथा परिवार के लिए सुख, समृद्धि का आशीर्वाद मांगे। रात्रि में चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देकर व्रत खोलें।
आचार्य हिमानी शास्त्री
ज्योतिष एवं वैदिक देवस्थापति
dr.himanij@gmail.com