Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Oct, 2023 08:41 AM
जीवन की राह को आसान बनाने के लिए वास्तु शास्त्र एक चमत्कार का काम करता है। घर ही नहीं बल्कि ऑफिस में भी वास्तु नियमों का ध्यान रखने से जीवन की राह को आसान बनाया जा
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Vastu Tips For Office: जीवन की राह को आसान बनाने के लिए वास्तु शास्त्र एक चमत्कार का काम करता है। घर ही नहीं बल्कि ऑफिस में भी वास्तु नियमों का ध्यान रखने से जीवन की राह को आसान बनाया जा सकता है। कार्यक्षेत्र में आपकी कामयाबी मेहनत पर निर्भर करती है लेकिन कई बार कुछ गलतियां हमारी मेहनत पर हावी हो जाती हैं। ऑफिस के टेबल के ऊपर रखी चीजें आपके जीवन के ऊपर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। तो चलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं, ऑफिस में वास्तु नियमों का किस तरह से ध्यान रखना चाहिए ताकि कार्यक्षेत्र में खुशनुमा माहौल बना रहे।
In which direction should the office table be किस दिशा में होना चाहिए ऑफिस टेबल
वास्तु शास्त्र दिशाओं के ऊपर निर्धारित होता है। अगर इनका ध्यान न रखा जाए तो बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बात करें ऑफिस टेबल या डेस्क की तो इन्हें इस तरह से रखें कि आपकी पीठ दीवार की तरफ हो। इस बात का बेहद ध्यान रखें कि कार्य करते समय आपकी पीठ मुख्य द्वार, खिड़की या फिर उत्तर-ईशान दिशा की ओर न हो।
Do not keep these items on the office table ऑफिस टेबल पर न रखें ये समान
वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस टेबल के ऊपर लाल और काली रंगों की चीजों को रखने से बचना चाहिए। इसी के साथ इसके ऊपर नुकीली चीजों को रखने से परहेज करें। नकारात्मक पौधे, रद्दी फाइल और अखबार रखने से आस-पास का माहौल भी काफी नकारात्मक हो जाता है।
Keep these items on the office table ऑफिस टेबल पर रखें ये समान
अपने कार्यक्षेत्र में माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए ऑफिस की टेबल पर क्रिस्टल का पेपर वेट रखें। उत्तर दिशा में पानी की एक भरी बोतल रखने से भी बहुत फायदा मिलता है। फाइलों और पुस्तकों को हमेशा दाईं ओर रखना चाहिए। ऐसा करने से अधिकारी हो या फिर सहकर्मी कार्यक्षेत्र में हर किसी का साथ मिलता है।
Eating at the office table ऑफिस टेबल पर खाना
टाइम को बचाने के लिए ज्यादातर लोग कैंटीन न जाकर अपनी सीट पर खाना खाना पसंद करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से अपने काम के ऊपर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। इसी के साथ एकाग्रता में कमी आती है और व्यक्ति तरक्की नहीं कर पाता।