Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Feb, 2024 09:38 AM
जैन मुनि विद्यासागर महाराज के ब्रह्मलीन (निधन) होने पर रविवार को आरएसएस के संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शोक संवेदना प्रकट की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): जैन मुनि विद्यासागर महाराज के ब्रह्मलीन (निधन) होने पर रविवार को आरएसएस के संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शोक संवेदना प्रकट की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान कहा कि मुझे विश्वास है कि संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के सिद्धांत और विचारों से भारत भूमि को सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जैन मुनि विद्यासागर के निधन पर सभागार में एक मिनट का मौन रखवाकर श्रद्धांजलि दी।
संघ की तरफ से शोक संदेश में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ईश्वर से प्रार्थना करता है कि जैन मुनि विद्यासागर महाराज के द्वारा दिग्दर्शित मार्ग पर हम सभी लोग और अधिक दृढ़ता और समर्पित भाव से निरंतर आगे बढ़ते रहें तथा उन आदर्शों को तीव्र गति प्रदान करें। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शोक संदेश में कहा कि पूज्य श्री विद्यासागर महाराज ने 1968 में दिगंबरी दीक्षा ली थी और तब से आज तक निरंतर सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य, ब्रह्मचर्य की उनका संपूर्ण जीवन इन आदर्शों के प्रति पूरी तरह समर्पित था। अंतिम श्वांस तक उन्होंने अपने कठोर साधनाव्रत का निर्वाह किया। लाखों लोग उन आदर्शों पर आज चल रहे हैं।
उनके निधन पर जैन समाज की तरफ से कहा गया कि जो त्याग आचार्यश्री ने किए थे, वे न केवल जैन धर्म अपितु सम्पूर्ण मानव इतिहास में अद्वितीय थे। आचार्यश्री न केवल जैन समाज बल्कि संपूर्ण विश्व के लोगों द्वारा पूजे जाते थे। विश्व जैन संगठन के मीडिया प्रभारी आकाश जैन ने कहा कि वर्तमान के महावीर कहलाने वाले आचार्य श्री से पिछले साल 5 नवम्बर को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनावों से पहले डोंगरगढ़ पहुंच कर आशीर्वाद लिया था। जिसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की थीं। देशभर से गणमान्य व्यक्तियों ने आचार्यश्री के देह त्याग पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। महान तीर्थंकरों की श्रेष्ठतम परंपराओं को अपने जीवन में साक्षात करने वाले महान आचार्य विद्यासागर महाराज का शरीर आज प्रात: डोंगरगढ़- राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) में पूर्ण हो गया।