Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Apr, 2024 07:49 AM
पांगी (वीरू): जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्थित ऐतिहासिक वालीन वासिनी माता मंदिर के कपाट 3 माह के बाद रविवार को खुल गए हैं। कपाट खुलने के बाद मंदिर में माता के
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
पांगी (वीरू): जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्थित ऐतिहासिक वालीन वासिनी माता मंदिर के कपाट 3 माह के बाद रविवार को खुल गए हैं। कपाट खुलने के बाद मंदिर में माता के चेले द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई। पूजा करने के साथ गांव में स्थित प्राकृतिक पेयजल स्रोत के पानी से माता की मूर्ति को नहलाया गया। मूर्ति को नहलाने के बाद नए वस्त्र पहनाए गए। पूजा प्रक्रिया पूरी होने के बाद श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचे। पांगी घाटी में सबसे पहले मां वालीन वासिनी के मंदिर के कपाट खुले हैं। उसके बाद अब मिंधल माता मंदिर के कपाट अगले रविवार को खुलेंगे। 3 माह की अवधि के बाद माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की मंदिर में काफी भीड़ रही। कपाट खुलने के बाद माता के दर्शन करने के लिए पांगी घाटी के 19 पंचायतों के लोग पहुंचे हुए हैं।
मकर संक्रांति के दिन मां वालीन वासिनी माता के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद हो गए थे। इसको लेकर पांगी घाटी के लोगों में काफी उत्साह और खुशी है। मंदिर के कपाट खुलने के बाद मंदिर में भक्तों का मेला लगा हुआ है। मंदिर के कपाट खुलने के बाद अब रोजाना घाटी के हरेक क्षेत्र से लोग माता के दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। यह सिलसिला एक दिन नहीं बल्कि कई दिनों तक चलता रहेगा। मां वालीन वासिनी के दरबार की ऐसी मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन से मांगी जाने वाली हरेक दुआ को माता रानी पूरी करती हैं।