क्यों होते हैं मलमास में मांगलिक कार्य वर्जित ?

Edited By Lata,Updated: 15 Dec, 2019 11:12 AM

why are manglik work prohibited in malamas

13 दिसंबर से मलमास यानि खरमास शुरू हो गया है जोकि 14 जनवरी 2020 को समाप्त होगा।

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13 दिसंबर से मलमास यानि खरमास शुरू हो गया है जोकि 14 जनवरी 2020 को समाप्त होगा। मलमास के दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, नए कारोबार का शुभारंभ, मुंडन जैसे धार्मिक संस्कार वर्जित माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह के लिए बृहस्पति की स्थिति को मजबूत होना बेहद जरूरी माना जाता है लेकिन जब सूर्य मीन या धनु राशि में चला जाता है तो इसकी स्थिति कमजोर हो जाती है। ऐसे में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। बता दें कि मलमास को मलिन मास भी कहा जाता है और मलिन मास होने के कारण ही इसे मलमास या अधिक मास कहा जाता है। 
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हिन्दू धर्म में मलमास के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार करना अशुभ माना जाता है। मलमास से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार हर राशि, नक्षत्र, करण और बारह मासों का कोई न कोई स्वामी है लेकिन मलमास का कोई स्वामी नहीं है। इसलिए इसे अधिक मास या मलमास कहा जाता है। यही वजह है कि इस महीने मांगलिक कार्य, देव कार्य और पितृ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
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इस महीने भले ही मांगलिक कार्यों को करना वर्जित होता है लेकिन इस महीने में जप, तप, तीर्थ यात्रा करने का विशेष महत्व बताया जाता है। मलमास में भागवत कथा सुनने और दान पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 2020 में मार्च तक विवाह के निम्र शुभ मुहूर्तों में आप सुविधानुसार चयन कर सकते हैं। 
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जनवरी में 15, 16, 17, 18, 19, 20, 29, 30

फरवरी में 1, 3, 4, 9, 10, 14, 16, 25, 27, 28

मार्च में 2, 10, 11, 12 को विवाह के दिन शुभ हैं।        

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