Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Apr, 2019 02:26 PM
आकलन के अनुसार यदि 1.7 बिलियन एकड़ में पेड़ लगाए जाते हैं तो इससे प्रति वर्ष 3 बिलियन टन कार्बन को हवा से हटाया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार वातावरण में अब इतनी कार्बन डाईऑक्साइड शामिल हो चुकी है कि
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
आकलन के अनुसार यदि 1.7 बिलियन एकड़ में पेड़ लगाए जाते हैं तो इससे प्रति वर्ष 3 बिलियन टन कार्बन को हवा से हटाया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार वातावरण में अब इतनी कार्बन डाईऑक्साइड शामिल हो चुकी है कि इंसानों को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए केवल पेड़ लगाना ही काफी नहीं है। हाल ही में पता चला है कि नए पेड़ पुराने उष्णकटिबंधीय वर्षावनों की तुलना में कार्बन डाईऑक्साइड को बेहतर ढंग से सोख सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए इसे एक अच्छी खबर माना जा रहा था परंतु ताजा अध्ययन के अनुसार अब कार्बन उत्सर्जन में पर्याप्त कमी करने लायक पेड़ लगाने के लिए धरती पर खाली जगह ही नहीं हैं।
आकलन के अनुसार यदि 1.7 बिलियन एकड़ में पेड़ लगाए जाते हैं तो इससे प्रति वर्ष 3 बिलियन टन कार्बन को हवा से हटाया जा सकता है। कार्बन का यह स्तर हर साल इंसानों द्वारा पैदा किए जाने वाले कार्बन का महज 10 प्रतिशत है। साल भर में हम धरती पर 40 बिलियन टन तक कार्बन उत्सर्जित करते हैं। वैज्ञानिक कार्बन डाईऑक्साइड की बढ़ती समस्या का हल पेड़ों में तलाश रहे हैं क्योंकि वे ‘फोटोसिंथेसिस’ (सूर्य की रोशनी से अपने लिए भोजन तैयार करने की प्रक्रिया) के दौरान कार्बन डाईऑक्साइड को कार्बोहाइड्रेट्स में बदल देते हैं। इसी दौरान वे ऑक्सीजन पैदा कर वातावरण में भी छोड़ते हैं। परंतु 1.7 बिलियन एकड़ में पेड़ लगाने का मतलब है कि यह इतनी जगह है कि इससे दुनिया में उसका आधा क्षेत्र ढक जाएगा जहां इस वक्त खेती होती है।
अध्ययन बताते हैं कि ऐसा करने से दुनिया भर के लोगों को खाने की कमी हो जाएगी और भुखमरी फैल सकती है। ऐसे में स्पष्ट है कि अब केवल पेड़ लगा कर हम जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपट नहीं सकते हैं।