Edited By bharti,Updated: 19 Jul, 2018 12:29 PM
12वीं पास करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स को यही चिंता रहती है कि वह आगे भविष्य में क्या करें । अगर आप ...
नई दिल्ली : 12वीं पास करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स को यही चिंता रहती है कि वह आगे भविष्य में क्या करें । अगर आप भी अभी तक यह तय नहीं कर पाए है तो आपके लिए काम की खबर है। एेसे में जिन स्टूडेंट्स ने कार्मस स्ट्रीम का चुनाव किया है या करने की इच्छा रखते है उनके लिए यूरोपीय देशो मे रोजगार के नए अवसर खुलने जा रहे है । यूरोप देशों में इनके लिए सीए बन कर अच्छा खासी कमाई का बेहतरीन मौका है, क्योंकि हाल में ही खाड़ी देशों में वैल्यू एडेड टैक्स यानी VAT सिस्टम शुरू किया गया है। इसे लागू करने वालों में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सबसे पहले हैं। बता दें कि चार और खाड़ी देश बहरीन, कुवैत, ओमान और कतर भी वैट लगाने के लिए तैयार हैं लेकिन वह इस पर अगले साल तक निर्णय लेंगे।
भारत ने किए है समझौते
मोदी सरकार ने हाल में ही भारतीय सनदी लेखा संस्थान एवं आयरलैंड के इंस्टीच्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स के बीच ताजा एमआरए को मंजूरी दी साथ ही मंत्रिमंडल ने लेखांकन ज्ञान के उन्नयन, पेशेवरएवं बौद्धिक विकास, अपने संबंधित सदस्यों के हितों को बेहतर बनाने और भारत एवं आयरलैंड में लेखा पेशे के विकास में सकारात्मक योगदान के लिए पारस्परिक सहयोग ढांचे को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सनदी लेखा संस्थान (आईसीएआई) और इंस्टीच्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट्स (सीपीए), आयरलैंड के बीच ताजा एमआरए को भी मंजूरी दी है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने चार्टड अकाउंटेट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) तथा बहरीन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (डीआईडीएफ), बहरीन के बीच बहरीन में लेखा, वित्त तथा लेखा परीक्षण ज्ञान आधार को मजबूत बनाने में एक साथ काम करने के लिए समझौते ज्ञापन को अपनी मंजूरी दे दी।
भारतीय स्टूडेंट्स को होगा लाभ
सीए प्रोफेशन भारतीय बाजार में हमेशा से ही फिट बैठता रहा है। देश की अर्थव्यवस्था को विकसित देश की श्रेणी की ओर ले जाने के लिए जो 2020-30 विजन तैयार किया गया है, उसमें सीए की बहुत बड़ी भूमिका है। भारत ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय सीए की मांग है। अकेले दुबई में 4000 भारतीय सीए काम कर रहे हैं। अब खाड़ी देशों में वैट लागू होने से सीए की मांग में भी वृद्धि होगी । एेसे में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बाद अगर बाकी के देशों में वैट लागू हो जाता है तो भारतीय स्टूडेंट्स के लिए रोजगार पाने का अच्छा मौका होगा।