कुत्ते ने काटा तो मालिक पर लगेगा भारी जुर्माना, लोगों पर भौंकना भी गुनाह, नया नियम लागू

Edited By Updated: 16 Dec, 2025 11:07 PM

if the dog bites someone the owner will face a heavy fine

देहरादून में पालतू कुत्तों द्वारा किसी को काटे जाने पर उसके मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी। देहरादून में कुत्तों खासतौर से आक्रामक नस्ल ‘रॉटवीलर' के हमलों की घटनाओं के बाद नगर निगम ने कुत्तों को पालने के संबंध में नियम तैयार किए हैं। देहरादून...

नेशनल डेस्कः देहरादून में पालतू कुत्तों द्वारा किसी को काटे जाने पर उसके मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी। देहरादून में कुत्तों खासतौर से आक्रामक नस्ल ‘रॉटवीलर' के हमलों की घटनाओं के बाद नगर निगम ने कुत्तों को पालने के संबंध में नियम तैयार किए हैं। देहरादून श्वान लाइसेंस उपविधि-2025 के तहत पालतू कुत्ते द्वारा किसी को काटे जाने पर उसके मालिक के खिलाफ अनिवार्य रूप से चालान कार्रवाई किए जाने के अलावा प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है तथा निगम कुत्ते को अपने कब्जे में ले सकता है। 

सरकारी गजट प्रकाशन के बाद लागू होने वाले नियमों के तहत तीन माह से अधिक उम्र के कुत्ते को पालने पर उसका लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, जो पंजीकरण या नवीनीकरण की तिथि से एक साल के लिए वैध होगा। पंजीकरण के समय पशु चिकित्सक द्वारा जारी एंटीरेबीज टीकाकरण प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य होगा। 

उपविधि के अनुसार, अति आक्रामक नस्ल के कुत्तों जैसे रॉटवीलर, पिटबुल, अमेरिकन बुलडॉग आदि के लाइसेंस के लिए एंटीरेबीज टीकाकरण प्रमाणपत्र के साथ ही उसकी एक साल की आयु पूरी होने के बाद बन्ध्याकरण का प्रमाणपत्र भी देना होगा। सामान्य नस्ल के कुत्तों के लिए पंजीकरण शुल्क 500 रुपये रखा गया है वहीं आक्रामक नस्ल के कुत्तों के लिए यह दो हजार रुपये तय किया गया है। 

उपविधि के मुताबिक, कुत्तों को पालने के लिए आवासीय क्षेत्र का क्षेत्रफल भी निर्धारित किया गया है। जहां 300 वर्गगज में एक अति आक्रामक या चार सामान्य श्रेणी के कुत्ते पाले जा सकते हैं वहीं दो सामान्य श्रेणी के कुत्ते 200 वर्गगज में रखे जा सकते हैं। इसके अलावा, पांच या पांच से अधिक कुत्ते पालने पर निजी श्वान आश्रय के प्रावधान लागू हो जाएंगे जिसके लिए उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड से अनुमति तथा पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा। 

उपविधि के मुताबिक, देर रात पालतू कुत्ते के बार-बार भौंकने की शिकायतें आने, सार्वजनिक स्थानों या खुले में शौच कराने, अपने पालतू कुत्ते को निगरानी के बिना बाहर ले जाने और पट्टा और चेन के बिना कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर ले जाने पर उसके मालिक के विरूद्ध कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल ने कहा कि सामान्यजन के हितों को ध्यान में रखकर ये नियम तैयार किए गए हैं। 

भाजपा ने जहां नगर निगम के इन नियमों का स्वागत किया है वहीं कांग्रेस ने सड़कों पर आवारा कुत्तों के बारे में कुछ न करने के लिए उसकी आलोचना की है। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि नगर निगम के इन नियमों का पार्टी स्वागत करती है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्ते लोगों के लिए आतंक का कारण बने हुए हैं लेकिन नगर निगम ने अभी तक इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया है। 

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