बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में खिले स्टूडेंट्स के चेहरे, आसान था अंग्रेजी का प्रश्न

Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 Feb, 2019 08:45 AM

bihar board exam

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा गुरुवार से प्रदेशभर में शुरू हुई। पहले दिन अंग्रेजी विषय की परीक्षा हुई। प्रदेशभर में 1418 केंद्र बनाएगएहैं।

एजुकेशन डेस्कः बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा गुरुवार से प्रदेशभर में शुरू हुई। पहले दिन अंग्रेजी विषय की परीक्षा हुई। प्रदेशभर में 1418 केंद्र बनाएगएहैं। 16 लाख 60 हजार 609 परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हुए। पहले दिन 11 परीक्षार्थी निष्कासित किएगये। वहीं अलग-अलग जिलों से कुल चार फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया। गया, वैशाली, जमुई और सीवान से दो-दो, औरंगाबाद, अरवल, सारण जिले से एक-एक परीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया। मुंगेर से तीन और गया से एक फर्जी परीक्षार्थी को परीक्षा देते पकड़ा गया।  

 कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए बोर्ड ने खास इंतजाम किएहैं। केंद्रों पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। जो छात्र परीक्षा केंद्र पर समय सीमा के बाद पहुंचे, उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया। पहली बार बोर्ड ने प्रश्न पत्र के दस सेटों की व्यवस्था की थी। प्रदेश भर में हर जिले में चार आदर्श केंद्र बनाए गए थे। 

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एडमिट कार्ड और पेन ले जाने की अनुमति 

पहले दिन अंग्रेजी विषय की परीक्षा ली गई। परीक्षा दो पाली में हुई। प्रथम पाली सुबह 9.30 से 12.45 तक और दूसरी पाली 1.45 से पांच बजे तक हुई। जो परीक्षार्थी जूते-चप्पल पहन कर आए थे, उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले खुलवा दिया गया। सभी खाली पैर ही हॉल तक गए। परीक्षा हॉल में एडमिट कार्ड के साथ केवल पेन ले जाने की अनुमति थी। परीक्षा हॉल में जाने के बाद छात्रों को बाहर नहीं निकलने दिया गया।

कदाचारमुक्त परीक्षा का दावा 

बिहार बोर्ड ने प्रदेश भर में कदाचार मुक्त परीक्षा शुरू होने का दावा किया है। हर केंद्र पर दो सौ मीटर की परिधि में धारा 144 लगाया गया है। पुलिस बल की तैनाती है। जोनल, सब जोनल और सुपर जोनल स्तर पर मैजिस्ट्रेट लगाए गए थे। पहली बार केंद्र पर प्रवेश के दौरान परीक्षार्थी की जांच की गई, वहीं दूसरी बार परीक्षा हॉल के अंदर वीक्षक द्वारा जांच की गई। 

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बोर्ड अध्यक्ष ने किया औचक निरीक्षण 

बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के साथ पटना जिलाधिकारी कुमार रवि और डीइओ ज्योति कुमार ने कई केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इसमें राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, शास्त्रीनगर, राजकीय बालक प्लस टू उच्च विद्यालय, शास्त्रीनगर, केबी सहाय प्लस टू उच्च विद्यालय, शेरूल्लाहपुर, रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय, पुनाईचक, बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय, कमला नेहरू बालिका उच्च विद्यालय, बीएन कॉलेजिएट स्कूल आदि शामिल था। 

200 परीक्षार्थी की छूट गई परीक्षा 

केंद्र पर देरी से पहुंचने के कारण पटना जिला के दो सौ परीक्षार्थी की परीक्षा छूट गयी। एपरीक्षा शुरू होने के तीन मिनट पहले या शुरू होने के बाद पहुंचे थे। पटना जिला शिक्षा कार्यालय की मानें तो जिले भर में दो पाली मिलाकर दो सौ के लगभग परीक्षाथी शामिल नहीं हो पाए। कई परीक्षार्थी केंद्र पर परीक्षा शुरू होने के बाद पहुंचे, जबकि बोर्ड ने परीक्षा शुरू होने के दस मिनट पहले तक पहुंचने का निर्देश दिया था। प्रथम पाली के लिए 9.20 और दूसरी पाली के लिए 1.35 तक अंतिम प्रवेश था। 

आसान था अंग्रेजी का प्रश्न 

चार पैसेज और ट्रांसलेशन को वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र में दिया गया था। छात्रों ने बताया कि जिसे थोड़ी भी ग्रामर की समझ होगी उसने ट्रांसलेशन कर दिया होगा। बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय के अंग्रेजी विषय की शिक्षिका अमृता कुमारी ने बताया कि अंग्रेजी का प्रश्न पत्र संतुलित था। चार पैसेज पूछे गए थे। इनमें दो का जवाब लिखना था। वस्तुनिष्ठ प्रश्न में ग्रामर होने से अंक अच्छे आएंगे। छात्रों ने बताया कि प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए अतिरिक्त 15 मिनट का समय मिला। ओएमआर शीट पहले लेने से समय निर्धारण करने में फायदा हुआ। 

 
 

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