NEET पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अभ्यर्थियों को हुए ये दो नुकसान

Edited By pooja,Updated: 21 Jul, 2018 02:54 PM

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उच्चतम न्यायालय ने नीट की परीक्षा तमिल भाषा में देने वाले विद्यार्थियों को 196 ग्रेस मार्क्स देने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने नीट की परीक्षा तमिल भाषा में देने वाले विद्यार्थियों को 196 ग्रेस मार्क्स देने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अभ्यर्थियों को काफी नुकसान हुआ है। 


हाईकोर्ट ने परीक्षा का आयोजन करने वाले सीबीएसई को भी वापस नीट की रैंक जारी करने के आदेश दिए थे। आदेश है कि 2 हफ्तों में सीबीएसई को रैंक जारी करनी होगी। सीबीएसई को सभी मेडिकल काउंसलिंग निरस्त करनी होगी। बता दें कि सीपीएम नेता रंगराजन ने इस सवाल को लेकर याचिका दायर की थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के सभी पक्षों से कहा कि वे दो हफ्ते बाद इस मामले का समाधान लेकर उसके पास आएं, क्योंकि नीट स्टूडेंट्स को इस तरह से नंबर नहीं बांटे जा सकते हैं। ऐसा लगता है कि जिन विद्यार्थियों ने तमिल भाषा में परीक्षा दी थी, उन्हें इन ग्रेस मार्क्स के कारण दूसरे विद्यार्थियों से बढ़त मिल जाएगी।

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कैसा रहा था नीट का रिजल्ट

बोर्ड ने 5 जुलाई को परीक्षा के नतीजे जारी किए थे। इस परीक्षा में कल्पना कुमारी ने पहला स्थान हासिल किए है और उन्हें 99.99 पर्सेंटाइल मिले हैं। उन्हें फिजिक्स में 180 में से 171 अंक, कैमेस्ट्री में 180 में से 160 अंक और बायोलॉजी में 360 में से 360 अंक हासिल किए हैं। उन्हें कुल 720 में से 691 अंक मिले हैं। वहीं दूसरे स्थान पर तेलंगाना के रोहन पुरोहित हैं और दिल्ली के हिमांशु ने तीसरे स्थान पर कब्जा किया है।

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