छात्रों के लिए सीबीएसई लाया बड़ी न्यूज,अब टेस्ट होगी एनालिटिकल स्किल

Edited By Sonia Goswami,Updated: 31 Aug, 2018 04:57 PM

cbse has brought big news for students now the test will be analytical skill

स्टूडेंट्स जो अभी 9वीं और 11वीं कक्षा में हैं, उनके लिए सीबीएसई एक बड़ी न्यूज लेकर आई है। मार्च 2020 में बोर्ड एग्जाम में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स को नया एग्जाम पैटर्न देखने को मिलेगा। ऐसे में बेहद जरूरी है कि स्टूडेंट्स इस नए पैटर्न को देखते हुए...

स्टूडेंट्स जो अभी 9वीं और 11वीं कक्षा में हैं, उनके लिए सीबीएसई एक बड़ी न्यूज लेकर आई है। मार्च 2020 में बोर्ड एग्जाम में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स को नया एग्जाम पैटर्न देखने को मिलेगा। ऐसे में बेहद जरूरी है कि स्टूडेंट्स इस नए पैटर्न को देखते हुए अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दें। सीबीएसई की इस प्रक्रिया में वोकेशनल सब्जेक्ट के टेस्ट पैटर्न और रिजल्ट घोषित करने की प्रकिया पर भी फैसला लिया जाएगा। 

नए एग्जाम का पैटर्न स्टूडेंट्स की एनालिटिकल स्किल को टेस्ट करेगा। नए एग्जाम पैटर्न का पूरा फोकस ऐसे पेपर को डिजाइन करने पर होगा, जिसमें स्टूडेंट्स के रटने की आदतों पर लगाम लगे। बोर्ड एग्जाम में ज्यादातर सवाल प्रॉब्लम सॉल्विंग मोड के होंगे। 1 से 5 अंक के छोटे सवालों की संख्या ज्यादा होगी। 

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सीबीएसई ने सौंपी गाइडलाइन 
एजुकेशनिस्ट पीके पाठक ने बताया, इस प्रपोजल में अभी एक महीने का और समय लगेगा, लेकिन बोर्ड ने 2020 के लिए 10वीं और 12वीं क्लास के प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गाइडलाइन इस साल जारी होगी। सीबीएसई काऊंसलर डॉ. शिखा रस्तोगी ने बताया कि नई परीक्षा प्रणाली स्टूडेंट्स की एनालिटिकल स्किल्स जांचेगी। इस बदलाव का उद्देश्य स्टूडेंट्स में रट्टा मारकर सीखने के चलन को खत्म करना है। यह स्टूडेंट्स के लिए लाभदायक हो सकता है। 

फर्स्ट और सैकेंड क्लास के स्टूडेंट्स को फेल न करें 
सीबीएसई ने छोटी क्लासेस में बच्चों के तनाव को दूर करने के लिए एक सर्कुलर भी स्कूलों को भेजा है। इसमें पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को फेल न करने का आदेश जारी किया गया है। 

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इस तरह के बदलाव किए हैं सीबीएसई ने 
- पेपर के सवाल एनालिटिकल होंगे और स्टूडेंट्स को उन्हें अपने ढंग से आंसर करना होगा। 
- ज्यादा से ज्यादा छोटे सवाल होंगे, जिसमें सोचने का अवसर मिले। 
- तीसरी से 5वीं तक के लिए होमवर्क के बजाय और विकल्पों पर ध्यान दें। 
- पहली और दूसरी क्लास के बच्चे अपनी किताबें स्कूल में ही छोड़ सकते हैं। 
- संगीत, नृत्य और कला विषयों को ज्यादा पढ़ाया जाए। 
- वोकेशनल पेपर्स की परीक्षाएं फरवरी में होंगी, जबकि मेन सब्जेक्ट्स की मार्च में होगी। 
- पहली से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए व्यापक मूल्यांकन का परिचय कराया जाए। 
- इन क्लासेस में पास या फेल का सिस्टम नहीं होगा। 
- प्राइमरी लेवल पर ही संगीत, नृत्य और कला जैसे विषयों से रूबरू कराया जाए। 
 

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