छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देगी दिल्ली सरकार

Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Dec, 2020 02:37 PM

delhi government will give dry ration to students for six months

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार मध्याह्न भोजन योजना के तहत अपने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देगी। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण स्कूलों के मार्च से बंद होने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार मध्याह्न भोजन योजना के तहत अपने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देगी। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण स्कूलों के मार्च से बंद होने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। केजरीवाल ने मंडावली इलाके के एक सरकारी स्कूल में सूखा राशन बांटने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘जब स्कूल बंद थे, तो हमने मध्याह्न भोजन योजना के लिए अभिभावकों को पैसे भेजने का फैसला किया था, लेकिन अब हमने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देने का निर्णय किया है।'

हर दिन 10 लाख लोगों को भोजन दिया
दिल्ली सरकार के स्कूलों में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के सभी पात्र छात्रों को इस योजना के तहत गेहूं, चावल, दाल और तेल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘लेकिन आज, हम अभिभावकों के अनुरोध पर राशन का वितरण शुरू कर रहे हैं। प्रत्येक छात्र को छह महीने-जुलाई से दिसंबर, 2020 तक पर्याप्त राशन दिया जाएगा, ताकि बच्चों को पर्याप्त पोषण मिल सके।' केजरीवाल ने कहा, ‘हमने लॉकडाउन में सभी को भोजन मुहैया कराने की पूरी कोशिश की। दिल्ली सरकार ने हर दिन 10 लाख लोगों को भोजन दिया और इसके लिए केंद्र सरकार और एमसीडी स्कूलों सहित दिल्ली के सभी स्कूलों में व्यवस्था की गयी। लगभग 10 लाखों लोगों को हर दिन दोपहर और रात में भोजन उपलब्ध कराया जाता था। हम उनकी सेवा करते थे जैसा हम लंगरों में सेवा करते हैं। हमने तब तक वितरण जारी रखा जब तक कि भोजन के लिए लोगों का आना बंद नहीं हुआ।'

कोरोना टीका आने तक राजधानी में स्कूल नहीं खुलेंगे
देश में कोविड-19 के मद्देनजर मार्च से स्कूल बंद है। 15 अक्टूबर को कुछ राज्यों में आंशिक रूप से स्कूल खोले गए थे। दिल्ली सरकार ने हालांकि कहा है कि कोरोना वायरस का टीका आने तक राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल नहीं खुलेंगे। केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले नौ महीनों में बच्चे सबसे ज्यादा परेशान रहे। वे एक कमरे में बंद नहीं रह सकते। उनके पास ऊर्जा है और वे खेलना और स्कूल जाना चाहते हैं, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे बच्चों को फोन और कंप्यूटरों के सामने पढ़ना पड़ेगा क्योंकि स्कूल बंद हो जाएंगे। पूरी प्रणाली बदल गई है।'

आठ लाख से अधिक छात्रों को दे रहे सूखा राशन
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्कूलों के बंद होने के कारण मध्याह्न भोजन की अनुपलब्धता एक चुनौती थी। उन्होंने कहा कि कई परिवार ऐसे थे जिन्हें रोजी-रोटी जुटाने में परेशानी हो रही थी। कोविड-19 के कारण भारी बेरोजगारी ने इस समस्या को बढ़ा दिया है। हमने छात्रों के खातों में सीधे पैसे स्थानांतरित कर प्रयोग किया। यह मुख्यमंत्री का विचार था कि पैसे देने से बेहतर है कि राशन वितरित किए जाएं। इसलिए, हम अब दिल्ली के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के आठ लाख से अधिक छात्रों को सूखा राशन दे रहे हैं।

 

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