Edited By Riya bawa,Updated: 17 Jun, 2019 02:09 PM
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षणिक सत्र...
नई दिल्ली (मनीष राणा): दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए स्नातक पाठ्यकमों की दाखिला प्रक्रिया शुरूआत से ही सवालों के घेरे में है। इस बार दाखिला प्रक्रिया शुरू करने का दावा करने वाले डीयू प्रशासन के दावे की हवा तभी निकल गई जब अन्य सत्रों के मुकाबले इस बार देरी से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई। अब आवेदन प्रक्रिया के लम्बा खिंचने से नए सत्र के शुरू होने को लेकर आशंकाएं छाई हुई हैं। जिस तरह अदालत की फटकार के बाद डीयू ने आवेदन की प्रक्रिया को बढ़ाया है, उसे देख लग नहीं रहा है कि सत्र शुरू होने तक डीयू सीटें भर पाएगा।
स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नियमों में बदलाव करने के डीयू के फैसले के खिलाफ छात्र ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। इस पर अदालत ने डीयू को फटकार लगाते हुए पुराने नियमों से दाखिला करने और आवेदन की प्रक्रिया को 22 जून तक बढ़ाने का आदेश दे दिया। अदालत का यहीं आदेश डीयू की फजीहत कराता दिखाई दे रहा है क्योंकि आवेदन की तारीख बढऩे से पूरी प्रक्रिया ही पटरी से उतर गई है। 22 जून तक आवेदन होने के बाद विवि प्रशासन को प्रमाणपत्रों की जांच करने, प्रतिशत निकालने में कम से कम एक सप्ताह का समय लग ही जाता है जिसके बाद पहली कटऑफ निकाली जाती है।
इस हिसाब से पहली कटऑफ संभवत 29, 30 या एक जुलाई को आएगी। एक कटऑफ में दाखिला कराने के लिए तीन दिन का समय रहता है। अगले दिन बची सीटों और दाखिले हुए सीटों का हिसाब लगाया जाता है, तब एक दिन बाद कटऑफ जारी की जाती है। इसके बाद अगली कटऑफ 4 जुलाई को आएगी। इसके रविवार होने या कोई छुट्टी होने पर कटऑफ एक दिन आगे भी बढ़ जाती है।
इस बार पांच कटऑफ निकालने की बात करने वाला डीयू 20 जुलाई को शुरू होने वाले नए सत्र से पहले पांचों कटऑफ नहीं निकाल पाएगा। सत्र शुरू होने से पहले डीयू प्रशासन 60 हजार सीटें भर पाएगा मुश्किल है, इसके साथ ही 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण के बाद बढ़ी 6 हजार सीटें मिलाकर कुल 66 हजार सीटें भर पाना मुश्किल है। ऐसे में सत्र की शुरुआत नाम मात्र को ही होगी और सीटें खाली रह जाएगी।