'भारत में शिक्षा प्रणाली रचनात्मक सोच पर केंद्रित नहीं'

Edited By pooja,Updated: 05 Nov, 2018 03:27 PM

education in india does not focus on creative thinking

सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत की सरकारों ने सकल घरेलू उत्पाद और वार्षिक बजट के प्रतिशत के रूप में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर पर्याप्त खर्च नहीं किया है ।

कोलकाता : सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत की सरकारों ने सकल घरेलू उत्पाद और वार्षिक बजट के प्रतिशत के रूप में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर पर्याप्त खर्च नहीं किया है।   भारतीय वाणिज्य मंडल की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में थरूर ने कहा कि देश में ज्यादातर लोग अपने इलाज के लिए खर्च करते हैं और गरीब लोग निजी स्वास्थ्य केंद्रों में ठीक होने के लिए सब कुछ खो देते हैं।     

 

देश में शिक्षा क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि यह अधिक विनियमित था। उन्होंने कहा, देश में जो शिक्षा प्रणाली अपनाई जा रही है वह रचनात्मक सोच पर केंद्रित नहीं है । यहां, छात्रों को सिखाया जाता है कि क्या सोचना चाहिए और क्या नहीं सोचना चाहिए। इन्हें हमारी कक्षाओं में प्रोत्साहित किया जाता है।      


थरूर ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य पर खर्च करने को प्राथमिकता देने की जरूरत है, जो उसने किया है उससे कहीं अधिक।  पूर्व मंत्री ने कहा, मैं अपनी पिछली सरकारों को भी छूट नहीं दूंगा क्योंकि 70 से अधिक वर्षों में स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च मामूली रहा है।  

 

कांग्रेस नेता ने कहा, सरकार में रहते हुए हमें सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने की जरूरत है जहां इलाज में मुफ्त होगा । अगर हमारे पास सार्वजनिक क्षेत्र में एक बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो, तो सब्सिडी वाले बीमा योजना की आवश्यकता ही नहीं होगी ।’’ 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!