Edited By Riya bawa,Updated: 16 Jul, 2019 12:00 PM

सामूहिक नकल का एक ऐसा मामला सामने...
नई दिल्ली: सामूहिक नकल का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देखकर गुजरात सेकंडरी ऐंड हायर सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड (GSHSEB) के अधिकारी भी दंग रह गए। 12वीं की परीक्षा में सामूहिक नकल का मामला सामने आया जिसमें 959 छात्र शामिल थे। GSHSEB के अनुसार इससे पहले सामूहिक नकल का इतना बड़ा मामला नहीं देखा गया। नकल को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए थे, फिर भी इतिहास की ये सबसे बड़ी घटना बन गई।
बोर्ड के अधिकारियों ने इन स्टूडेंट्स के रिजल्ट पर 2020 तक रोक लगा दी है। जिन विषयों में उन्होंने सामुहिक रुप से नकल की है, उनमें उन्हें फेल कर दिया गया है। बोर्ड अधिकारियों को जिन सेंटरों से नकल की शिकायत मिली थी, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं की दोबारा से जांच की गई है। ये सेंटर मुख्य रूप से जूनागढ़ और गिर-सोमनाथ जिलों के हैं।
GSHSEB के एक सूत्र के मुताबिक 959 परीक्षार्थियों ने एक सवाल का एक जैसा जवाब लिखा था। यह ही नहीं बल्कि इन सभी छात्रों के उत्तर का क्रम भी एक जैसा ही था सभी ने एक उतर में जैसी ही गलती की हुई थी। बता दें कि सेंटरों पर 200 स्टूडेंट्स ने एक निबंध- 'बेटी परिवार का चिराग है' को एक ही तरह से शुरू से अंत तक लिखा। जिन विषयों में सामूहिक नकल के मामले सामने आए हैं, उनमें अकाउंटिंग, इकनॉमिक्स, अंग्रेजी साहित्य और स्टैटिस्टिक्स शामिल हैं।
GSHSEB के एक अधिकारी का कहना है, 'बोर्ड अब अमरापुर (गिर-सोमनाथ), विसानवेल (जूनागढ़) और प्राची-पिपला (गिर-सोमनाथ) में 12वीं की परीक्षा के केंद्र रद्द करने की तैयारी कर रहा है।' सामूहिक नकल के दावे की पुष्टि के लिए एग्जाम्स रिफॉर्म्स कमिटी के सामने स्टूडेंट्स के हाजिर होने के बाद बोर्ड ने 959 परीक्षार्थियों के रिजल्ट पर रोक लगाने का फैसला किया है।