Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Dec, 2025 03:57 PM

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गुरुवार को तेज गिरावट का शिकार हुआ और 43 पैसे लुढ़ककर 90.37 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। भारत–अमेरिका व्यापार समझौते के मार्च 2026 तक टलने की खबरों के बाद कारोबार के दौरान रुपए पर दबाव और बढ़ा, जिसके...
बिजनेस डेस्कः अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गुरुवार को तेज गिरावट का शिकार हुआ और 43 पैसे लुढ़ककर 90.37 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। भारत–अमेरिका व्यापार समझौते के मार्च 2026 तक टलने की खबरों के बाद कारोबार के दौरान रुपए पर दबाव और बढ़ा, जिसके चलते यह इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में एक समय 54 पैसे टूटकर 90.48 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक जा पहुंचा।
करेंसी ट्रेडर्स के अनुसार, व्यापार समझौता आगे खिसकने की संभावना ने निवेशकों के बीच रिस्क-ऑफ सेंटीमेंट बढ़ाया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन के बयान के बाद बाजार में यह धारणा मजबूत हुई कि सौदा अब मार्च 2026 तक ही पूरा हो पाएगा।
इसके साथ ही आयातकों की ओर से डॉलर की बढ़ी मांग, मैक्सिको द्वारा भारत और एशियाई देशों पर 50% तक आयात शुल्क लगाने की घोषणा, तथा ग्लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव ने भी रुपये पर दबाव डाला। रुपये ने आज 89.95 पर शुरुआत की थी लेकिन जल्दी ही कमजोर होकर 90.48 के स्तर तक फिसल गया। पिछला बंद भाव 89.87 प्रति डॉलर था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP के ट्रेजरी हेड और ED अनिल कुमार भंसाली के मुताबिक, “CEA की टिप्पणी के बाद रुपये में तेज गिरावट आई। मैक्सिको के नए आयात शुल्क और ऊंचे बॉन्ड यील्ड के चलते FPI द्वारा ऋण बाजार में बिकवाली ने भी रुपया कमजोर किया।”
वैश्विक मोर्चे पर, फेडरल रिज़र्व की दर कटौती और नरम संकेतों के बाद डॉलर इंडेक्स 0.17% टूटकर 98.61 पर आ गया। ब्रेंट क्रूड 1.17% गिरकर 61.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे आयात बिल पर आंशिक राहत मिल सकती है।
घरेलू शेयर बाजारों में आज तेजी रही—सेंसेक्स 443.66 अंक चढ़कर 84,834.93 पर और निफ्टी 141.05 अंक मजबूत होकर 25,899.05 पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, बुधवार को FPI ने 1,651.06 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी, जिसका दबाव रुपये पर बना हुआ है।