Edited By Riya bawa,Updated: 17 Apr, 2020 11:45 AM
देश में कोरोनावायरस तेजी से मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन हालातों को देखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। वहीं कुछ राज्यों ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में IIT कानपुर और लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने...
नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस तेजी से मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन हालातों को देखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। वहीं कुछ राज्यों ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में IIT कानपुर और लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने N95 फेस मास्क जैसा ही मास्क बनाने का दावा किया है, आप इस मास्क का इस्तेमाल वैकल्पिक रूप में कर सकेंगे।
ये है मास्क का फायदा
-इस मास्क का नाम पॉजिटिव प्रेशर रेस्पिरेटरी सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल N95 मास्क की कमी को पूरा कर सकता है। इसी के साथ ये मास्क व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट का एक महत्वपूर्ण पार्ट साबित हो सकता है। IIT के मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रोफेसर नचिकेता तिवारी ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
-आईआईटी कानपुर के मुताबिक इस टीम का नेतृत्व प्रोफेसर नचिकेता तिवारी (आईआईटी कानपुर), और प्रोफेसर देवेंद्र गुप्ता, प्रभारी, कोविद -19 आईसीयू (एसजीपीजीआई) कर रहे हैं। PPRS N95 श्वासयंत्र का अधिक सुरक्षित विकल्प है। इस प्रकार कमरे से दूषित हवा रिसाव की उपस्थिति में भी PPRS में प्रवेश नहीं कर सकती है। N95 श्वासयंत्र केवल 95 प्रतिशत कुशल है।
-नया मास्क कोरोना वायरस के जोखिम को खत्म करने में मदद कर सकता है. सबसे ज्यादा डर उन डॉक्टर्स और नर्स को होता है जो कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे हैं. ऐसे में ये मास्क स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ये कारगार साबित होगा।
-इस प्रकार बड़ी संख्या में कोविड-19 संक्रमित रोगियों और विस्तारित अवधि के साथ आइसोलेशन वार्डों में काम करने वाले स्वास्थ्य पेशेवर वायरस के संपर्क में आने के कारण बीमार हो सकते हैं।
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