जेएनयू जापानी भाषा के बीए के दृष्टिहीन छात्र को पंजीकरण करने से रोका

Edited By pooja,Updated: 02 Jan, 2019 12:45 PM

jnu prevented the blind student of japanese language ba from registering

जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज में जापानी भाषा के बीए के दृष्टिहीन छात्र को दूसरे सेमेस्टर में पंजीकरण करने से प्रशासन ने वंचित कर दिया है।

नई दिल्ली: जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज में जापानी भाषा के बीए के दृष्टिहीन छात्र को दूसरे सेमेस्टर में पंजीकरण करने से प्रशासन ने वंचित कर दिया है। दरअसल, बीए प्रथम वर्ष के छात्र मुनीश के पहले सेमेस्टर में असफल हो गए हैं, जिसकी वजह से प्रशासन ने छात्र को दूसरे सेमेस्टर में पंजीकरण से रोक लगा दिया है। दृष्टिहीन छात्र मुनीश ने बताया कि सुविधा के अभाव में पहले सेमेस्टर के छह पेपर में से चार पेपर पास नहीं कर पाया। ऐसे में प्रशासन ने दूसरे सेमेस्टर में पंजीकरण करने से रोक दिया है। 

 

प्रशासन पर आरोप लगाते हुए मुनीश ने बताया कि प्रशासन की तरफ से परीक्षा के समय में पेपर लिखने के लिए राइटर नहीं दिया गया था। इसके अलावा दृष्टिबाधित छात्रों को बे्रन लिपी दी जाती है, जिसमें वो अपना जवाब लिखते है। लेकिन प्रशासन ने ब्रेन लिपी तक नहीं दी गई थी। ऐसे में मजबूरन नॉर्मल सीट पर मुझें अपनी परीक्षा देनी पड़ी। उन्होंने बताया कि वो 100 फीसदी दृष्टिबाधित छात्र है। नियम के अनुसार दृष्टिबाधित छात्रों को ट्यूटर दिया जाता है। जोकि एक सप्ताह में तीन से चार बार कक्षा लेता है। लेकिन प्रशासन की तरफ से दी गए ट्यूटर ने एक सप्ताह में सिर्फ रविवार को एक घंटें की कक्षा ली। दृष्टिबाधित छात्रों को मिलने वाली एक भी सुविधा विवि. प्रशासन की तरफ से नहीं दी गई और जब परीक्षा में नंबर कम आए है, तो प्रशासन दूसरे सेमेस्टर में पंजीकरण करने से रोक रहा है। छात्र का कहना है कि अपनी समस्या को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारी से मिलने की कोशिश की। लेकिन वो मेरी बात सुने को ही तैयार नहीं है। 

 

वहीं, छात्र संघ अध्यक्ष एन. साई बालाजी का कहना है कि प्रशासन के पास परिसर में सद्गुरु को बुलाने के लिए पैसा है, लेकिन छात्रों के सुविधा देने के लिए उनके पास फंड नहीं है। बालाजी ने कहा कि एक सेमेस्टर से दूसरे सेमेस्टर में जाने के लिए पहले सेमेस्टर के परीक्षा में तीन ग्रेड होना अनिवार्य। लेकिन प्रशासन  ने छात्र को पूरी सुविधा नहीं दी, जिसकी वजह से उसके नंबर नहीं आ पाए और अब उसे दूसरे सेमेस्टर में पंजीकरण रोका जा रहा है। ऐसे में छात्र का एक साल खराब हो जाएगा। 

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