योजना सिरे चढ़ी तो कालेजों में बदलेगा पढ़ाई का पुराना पैटर्न

Edited By Sonia Goswami,Updated: 01 Oct, 2018 09:39 AM

modi government will change 37 subjects of undergraduate

देश में वर्षों पुराने चल रहे शिक्षा सिस्टम में बदलाव करने में जुटी केंद्र की मोदी सरकार का फार्मूला अगर कामयाब रहा तो आने वाले दिनों में कालेजों व यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने वाले स्टूडैंट्स को लिखित की बजाय प्रैक्टीकल पर आधारित पढ़ाई करवाने की ओर...

लुधियाना (विक्की): देश में वर्षों पुराने चल रहे शिक्षा सिस्टम में बदलाव करने में जुटी केंद्र की मोदी सरकार का फार्मूला अगर कामयाब रहा तो आने वाले दिनों में कालेजों व यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने वाले स्टूडैंट्स को लिखित की बजाय प्रैक्टीकल पर आधारित पढ़ाई करवाने की ओर अधिक फोकस किया जाएगा। क्योंकि देश में आने वाले दिनों में लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में इस बदलाव को भी शामिल किया जा रहा है ताकि प्रैक्टीकल पर आधारित स्टडी से स्टूडैंट्स को मार्कीट के अनुभवों से परिचित करवाया जा सके। 

पता चला है कि दरअसल सरकार अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम में ऑन डिमांड परीक्षा योजना को लागू करना चाहती है। इसी के चलते विशेषज्ञ नए पाठ्यक्रम में लिखित की बजाय प्रैक्टीकल पर अधिक फोकस रखेंगे। यही नहीं इस बदलाव के बाद स्कूली शिक्षा की तर्ज पर उच्च शिक्षा में भी सिलेबस आधा रह जाएगा।


यू.जी.सी. ने सिलेबस में बदलाव को बनाई कमेटी 
यू.जी.सी. ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों की अध्यक्षता में पाठ्यक्रम बदलाव कमेटी बनाई है, जो देश के सभी विश्वविद्यालयों में जाकर विशेषज्ञों से बात करते हुए पाठ्यक्रम तैयार कर रही है। अभी पाठ्यक्रम में ऐसे विषय हैं जिसकी पढ़ाई का छात्रों को कोई लाभ नहीं मिलता है, इसलिए पाठ्यक्रम से ऐसे विषयों को अलग कर दिया जाएगा। पढ़ाई का मकसद छात्रों को केवल रोजगार से जोडऩा है। अब उच्च शिक्षा में पहली बार अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम के 37 मुख्य विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव होने जा रहा है। 


इसलिए पड़ी बदलाव की जरूरत
जानकारी के मुताबिक कालेजों व यूनिवॢसटीज में पिछले लम्बे समय से चल रहे कॉमर्स, साइंस व आटर््स स्ट्रीमों के कोर्सिज में सिलेबस का विस्तार तो किया गया लेकिन बदलाव के लिए कदम नहीं बढ़ाए गए। विशेषज्ञों की मानें तो उच्च शिक्षा में समय की मांग के मुताबिक अगर कई नए विषय या कोर्स जोड़े गए तो उन्हें ग्रास रूट से लागू करने में यूनिवर्सिटीज ने ही काफी समय निकाल दिया। इसका नतीजा यह है कि पिछले कुछ वर्षों से देश के कालेजों में स्टूडैंट्स के दाखिले की दर गिरती जा रही है और विदेशों में युवाओं के जाने का ग्राफ उतनी ही तेजी से ऊंचा हुआ है। इस रुझान से ङ्क्षचतित केंद्र सरकार ने मुख्य विषयों के पुराने सिलेबस में बदलाव करने की योजना तैयार की है।

आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस स्ट्रीम के मुख्य विषयों का बदलेगा पाठ्यक्रम


मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना के मुताबिक आगामी सत्र से अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम के 37 विषयों का पाठ्यक्रम बदल जाएगा, जिसमें आटर्स, कॉमर्स व साइंस स्ट्रीम के मुख्य विषयों के पाठ्यक्रम शामिल हैं। सरकार ने नया सिलेबस तैयार करने के लिए गठित कमेटी को मार्कीट डिमांड और रोजगार को ध्यान में रखते हुए कोर्स तैयार करने को कहा है। इसी माह विशेषज्ञों की टीम सरकार को उक्त 37 विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए ड्राफ्ट रिपोर्ट देगी। 

इन विषयों के सिलेबस में होगा बदलाव

इंगलिश, फिजिकल एजुकेशन, लॉ, मनोविज्ञान, समाज शास्त्र, हिन्दी, संस्कृत, डिफैंस स्टडीज, सोशल वर्क, होम साइंस, पब्लिक एडीमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमैंट, लाईब्रेरी साइंस, मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, ज्योग्राफी, कम्प्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन, इलैक्ट्रॉनिक साइंस, क्रिमिनोलॉजी, इकोनोमिक्स, आॢकयोलॉजी, ऐंथ्रपोलॉजी, इन्वायनमैंट साइंस, ह्यूमन राइट्स, कैमिस्ट्री, पॉलीटिकल साइंस, दर्शन शास्त्र, इतिहास, कॉमर्स, फिजिक्स, बॉटनी, ज्योलॉजी या एग्रीकल्चरल, बायोकैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, मैक्मेटिक्स व स्टटिरिटक्स।

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