मिलिए इस महिला से, आदिवासी इलाकों में बनवाए 500 टॉयलेट

Edited By pooja,Updated: 04 Apr, 2018 04:41 PM

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टॉयलेट एक प्रेम कथा ने देश में शोच की समस्या को उजागर किया और हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज भी आबादी के बड़े हिस्से को शौचालय जाने में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

मुंबई: टॉयलेट एक प्रेम कथा ने देश में शोच की समस्या को उजागर किया और हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज भी आबादी के बड़े हिस्से को शौचालय जाने में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अकेले ही बिना किसी मदद के करीब 500 टॉयलेट बनवाए हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि उन्होंने ये काम कई सालों में नहीं किया है, बल्कि महज तीन महीनों में कर दिखाया है।

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यह महिला कोई और नहीं बल्कि सेक्शनल फोरेस्ट ऑफिसर पीजी सुधा हैं, जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है। सुधा ने अकेले केरल के एर्नाकुलम जिले के 9 आदिवासी इलाकों में 497 शौचालय बनवाए हैं। उन्होंने यह काम महज तीन महीनों में किया है।सुधा 16 साल पहले राज्य वन विभाग से जुड़ी थीं और वो खुद आदिवासी इलाकों से हैं। उन्हें 2006 में केरल के मुख्यमंत्री की ओर से बेस्ट फोरेस्ट गार्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

 आदिवासी क्षेत्रों से जुड़ी जानकारी ने उनकी मदद की और उन्होंने यह काम कम समय में पूरा किया। उनका कहना है कि यह उनके लिए आसान काम नहीं था। जब भी वो किसी ठेकेदार से ये काम करने के लिए कहती थीं तो वो मना कर देता था, क्योंकि इन इलाकों में सामान लाना और मजदूर उपलब्ध करवाना काफी मुश्किल था।

उन्होंने बताया कि कई ऐसे स्थान ऐसे भी थे, जहां पहुंचना काफी कठिन है और वहां जाने के लिए 3 घंटे लगते हैं और पैदल ही जाना पड़ता है। उन स्थानों पर टॉयलेट बनाने के लिए ठेकेदार तीन गुना ज्यादा पैसे मांगते थे लेकिन उसके बाद उन्होंने आदिवासी लोगों के साथ मिलकर ही ये काम किया। 

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