PGT अध्यापक संघ के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं

Edited By ,Updated: 29 Dec, 2016 10:08 AM

pgt teacher  desraj katawal  government  himachal

हि.प्र. पदोन्नत प्रवक्ता संघ एवं नवगठित पी.जी.टी. अध्यापक संघ के मध्य परस्पर प्रबुद्धता को लेकर वाक युद्ध शुरू हो गया है। दोनों प्रतिस्पर्धी संगठन आए दिन एक-दूसरे के विरुद्ध आरोप व मिथ्यारोपों की बौछारें ....

नई दिल्ली : हि.प्र. पदोन्नत प्रवक्ता संघ एवं नवगठित पी.जी.टी. अध्यापक संघ के मध्य परस्पर प्रबुद्धता को लेकर वाक युद्ध शुरू हो गया है। दोनों प्रतिस्पर्धी संगठन आए दिन एक-दूसरे के विरुद्ध आरोप व मिथ्यारोपों की बौछारें कर रहे हैं। पी.जी.टी. अध्यापक संघ की हमीरपुर जिला इकाई के अध्यक्ष देसराज कटवाल, महासचिव प्रदीप कतना, उपाध्यक्ष देवेंद्र चंदेल, संगठन सचिव वीरी सिंह, कार्यकारिणी सदस्य दिनेश कुमार, आनंद कुमार, हरदीप सिंह, अजय शर्मा, अजय कुमार, किरण कुमार शर्मा, कुसुम कुमारी, अंजू कुमारी व सपना अत्री ने आज यहां से जारी एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि राज्यभर में पी.जी.टी. अध्यापक संघ की संख्या में आए दिन निरंतर वृद्धि हो रही है, जिस कारण प्रतिस्पर्धी संगठन पदोन्नत प्रवक्ता संघ का संगठनात्मक ढांचा गड़बड़ाने लगा है। स्थिति इस कद्र बदतर हो गई है कि वह अपने अस्तित्व को बचाते हेतु पी.जी.टी. अध्यापकों की पैरवी करने की दुहाई दे रहा है।

पी.जी.टी. अध्यापकों से संबंधित मामलों की पैरवी 
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पदोन्नत प्रवक्ताओं को पी.जी.टी. अध्यापकों से संबंधित मामलों की पैरवी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका संगठन अपनी समस्याएं सुलझाने हेतु स्वयं सक्षम है तथा वे सरकार के समक्ष अपनी विचाराधीन समस्याएं स्वयं सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक पी.जी.टी. अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष देसराज कटवाल द्वारा अपना संगठन बदलने का संबंध है, इस बात को सभी जानते हैं कि कौन कहां से आया है तथा किसने कल कहां जाना है।

पी.जी.टी. अध्यापक संघ को खड़ा करने की नौबत
उन्होंने कहा कि पी.जी.टी. अध्यापक संघ को खड़ा करने की नौबत तभी आई, जब इस बात का आभास हुआ कि पदोन्नत प्रवक्ता संघ केवल अपने हित साधने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य के बहुसंख्यक पी.जी.टी. अध्यापक उनके साथ हैं तथा उनका संगठनात्मक ढांचा दिन-प्रतिदिन सशक्त हो रहा है। देसराज कटवाल ने सभी पी.जी.टी. शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे प्रतिस्पर्धी अध्यापक संगठनों की बयानबाजी से सावधान रहें तथा अपना मनोबल ऊंचा रखें, इसी में सबकी भलाई है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!