पायलट बन सवांरे अपना करियर और जिदंगी

Edited By ,Updated: 25 Apr, 2017 12:56 PM

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एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी सभी तरह के जॉब में पायलट की नौकरी युवाओं...

नई दिल्ली : एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी सभी तरह के जॉब में पायलट की नौकरी युवाओं में सबसे अधिक लोकप्रिय है। यहां न केवल भरपूर पैसा है, बल्कि आसमान में अटखेलियां करने वाला अनोखा रोमांच भी इस जॉब में है। जहां तक सैलॅरी की बात है, तो एक कॉमर्शियल पायलट की औसत सैलरी एक लाख से शुरू होकर साढ़े चार लाख प्रति माह तक हो सकती है। इन दिनों एविएशन इंडस्ट्री में विदेशी कंपनियों के आने से पायलट की डिमांड खूब है।

डिमांड में क्यों?
भारतीय एविएशन इंडस्ट्री इन दिनों तेजी से विकास कर रहा है। दरअसल, सरकार की ओपन स्काई पॉलिसी ने इस इंडस्ट्री को अनेक अंतरराष्टरीय खिलाडिय़ों से जुडऩे का मौका दिया है। परिणाम यह है कि इस क्षेत्र में न केवल प्राइवेट एविएशन प्लेयर्स, बल्कि एयरक्राफ्ट की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। सच तो यह है कि आगामी आठ-दस सालों में छह हजार से ज्यादा पायलट की डिमांड रहने की संभावना है।

कैसे होगा आगाज?
यदि आप पायलट बनना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको कुछ बेसिक इन्फॉर्मेशंस से अवगत होना होगा, जैसे-कॉमर्शियल पायलट बनने केलिए एसपीएल यानी स्टूडेंट पायलट लाइसेंस और पीपीएल यानी प्राइवेट पायलट लाइसेंस प्राप्त करना होता है, लेकिन इससे पहले यह जरूरी है कि आपने बारहवीं में साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री मैथ्स) पढ़ा हो और खुद को मेडिकली फिट भी पाते हों। यदि इस फील्ड में करियर का आगाज करने के लिए उम्र-सीमा की बात करें, तो महज 16 वर्ष में ही आप फ्लाइंग के योग्य हो सकते हैं और 65 वर्ष की अवस्था तक इस करियर का आनंद ले सकते हैं।

कैसे मिलेगी एसपीएल सर्टिफिकेट
एसपीएल सर्टिफिकेट पाने के लिए यह जरूरी है कि बारहवीं में साइंस हो और आपकी न्यूनतम उम्र हो 16 वर्ष। इसके बाद डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया (डीजीसीए) में भी आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा, लेकिन इससे पहले यह जरूरी है कि आपके मेडिकल सर्टिफिकेट, सिक्योरिटी क्लियरेंस के साथ-साथ बैंक गारंटी भी हो। डीजीसीए में पंजीकरण कराने के बाद आपको एक मौखिक परीक्षा से भी गुजरना होगा, क्योंकि इस परीक्षा में पास होने के बाद ही कोई एसपीएल सर्टिफिकेट के योग्य हो सकता है।

पीपीएल प्राप्त करने के लिए 
एसपीएल सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद पीपीएल यानी प्राइवेट पायलट लाइसेंस की जरूरत होती है। इसे प्राप्त करने के बाद ही कैंडिडेट खुद उड़ान भरने के योग्य बन सकता है। आप पीपीएल लाइसेंस के योग्य हैं या नहीं, यह एक लिखित परीक्षा के पास करने के बाद ही तय होता है। इस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए भी बारहवीं में साइंस विषय होना चाहिए, और न्यूनतम उम्र होनी चाहिए 17 वर्ष। इसके साथ-साथ आम्र्ड फोर्सेज सेंट्रल मेडिकल एस्टाविल्समेंट यानी एएफसीएमई से आपको एक मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी प्राप्त करना होगा।

क्या पढ़ाया जाता है
कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए दी जा रही ट्रेनिंग में कैंडिडेट्स निम्नलिखित विषयों की बारीकियों से अवगत होते हैं..
एयर रेगुलेशंस
एविएशन मेटिओरोलॉजी, एयर नेविगेशन
एयरक्रॉफ्ट इंजिन (टेक्निकल और स्पेसिफिक दोनों)
प्लानिंग ऐंड कम्युनिकेशन (रेडियो और वायरलेस ट्रांसमिशन के रूप में) आदि।

कौन हैं योग्य कैंडिडेट?
इस फील्ड में आने के लिए यह जरूरी है कि आई-साइट बेहतरीन हो। हाथ और पैरों का तालमेल यानी मोटर स्किल्स कॉर्डिनेशन काफी अच्छा हो।

यहां हैं संभावनाएं
शुरुआती दौर में आप किसी छोटे स्तर के एयरक्राफ्ट में ट्रेनी पायलट के रूप में जॉब कर सकते हैं। वैसे, एक कॉमर्शियल पायलट के रूप में निम्नलिखित क्षेत्रों में करियर का आगाज कर सकते हैं
एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस में
प्राइवेट एयरलाइंस में जैसे-जेट एयरवेज, सहारा, एयर डक्कन, किंगफिशर आदि।
इंटरनेशनल एयरलाइंस में, जिनका संचालन इंडिया से किया जाता है, जैसे- एयर कनाडा, कंतास, लुफ्थांसा, यूनाइटेड एयरलाइंस, ब्रिटिश एयरवेज आदि।

ट्रेनिंग की फीस
एडमिशन या ट्रेनिंग की फीस अलग-अलग फ्लाइंग स्कूलों पर निर्भर करती है। अमूमन भारत में सीपीएल यानी कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (200 घंटे की फ्लाइंग) के लिए 22 से 25 लाख के बीच फीस होती है। इसमें बोर्डिग, यूनिफॉर्म आदि की फीस भी शामिल है (हालांकि मल्टीपल इंजिन के उड़ान की फीस इसमें शामिल नहीं होती है)। वहीं अब्रॉड में ट्रेनिंग की फीस 16 से 22 लाख के बीच होती है। हालांकि यह अलग-अलग देशों पर ही निर्भर करती है कि वहां कितनी फीस की डिमांड की जा सकती है! हां, ट्रेनिंग की अवधि होती है 14-18 महीने की।

कौन हो सकते हैं बेस्ट पायलट?
एक सफल पायलट बनने के लिए जरूरी है कि आप न केवल मानसिक, बल्कि शारीरिक रूप से भी पूरी तरह स्वस्थ हों। याद रखें, बेस्ट पायलट आप तभी बन पाएंगे, जब आपमें फ्लाइंग के प्रति जुनून होगा। साथ ही, आंख, हाथ, पैर और ब्रेन के बीच बेहतर सामंजस्य बेहद जरूरी है।

गवर्नमेंट की पहल
गवर्नमेंट ने फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल के स्टैंडर्ड को सुधारने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। लेकिन हमें उम्मीद है कि डीजीसीए ट्रेनिंग स्टैंडर्ड के लिए नए मापदंड तैयार करेंगे, ताकि स्टूडेंट्स को और बेहतर ट्रेनिंग मिल सके।

इस करियर के प्रति आपके क्या विचार हैं?
एविएशन तेजी से विकास कर रहे इंडस्ट्रीज में से एक है। आने वाले आठ से दस वर्षो में 6 हजार से अधिक पायलट की जरूरत होगी। हालांकि इसके लिए फ्लाइंग स्कूल में फ्लाइंग की क्वालिटी ट्रेनिंग (ग्राउंड और स्काई) के पर्याप्त इक्वीपमेंट्स के साथ-साथ ग्राउंड और फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए ट्रेंड इंस्ट्रक्टर की भी जरूरत है

प्रशिक्षण संस्थान
एशियाटिक इंटरनेशनल एविएशन एकेडमी, इंदौर
www.aiacorp.co.in
ब्लू डायमंड एविएशन, पुणे
www.bdapune.com
एक्यूमेन स्कूल ऑफ पायलट ट्रेनिंग, दिल्ली
www.acumeneducation.in
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एविएशन, आईएसए, नई दिल्ली
www.iflyisa.com
इंडियन एविएशन एकेडमी, मुंबई
www.indianaviationacademy.com
 

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