Edited By Riya bawa,Updated: 01 Aug, 2020 01:21 PM
महाराष्ट्र बोर्ड की ओर से 29 जुलाई को 10वीं परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इस साल बहुत से छात्रों ने अच्छे अंक हासिल कर मिसाल कायम की है। बहुत से छात्र अपना ख्वाब पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते है और दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष, एक...
नई दिल्ली- महाराष्ट्र बोर्ड की ओर से 29 जुलाई को 10वीं परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इस साल बहुत से छात्रों ने अच्छे अंक हासिल कर मिसाल कायम की है। बहुत से छात्र अपना ख्वाब पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते है और दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष, एक बड़ी सफलता में बदलता है। एक ऐसी ही कहानी महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक दूरस्थ क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने के लिए सोलह वर्षीय अनंत डोईफोडे की है जिसको रोजाना 22 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था।
जानें कैसे हासिल की सफलता
--अनंत डोईफोडे ने 10वीं की परीक्षा में 82.80 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। सोलह वर्षीय अनंत डोईफोडे की है जिसको रोजाना 22 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था।
---अनंत ने बताया, "मैं सुबह 4 बजे उठता हूं और 6 बजे तक पढ़ाई करता हूं। फिर एक घंटा सोता हूं. सोने के बाद मैं स्कूल के लिए पैदल निकलता हूं. स्कूल से लौटने के बाद, मैं हर दिन देर रात तक पढ़ाई करता हूं."
UPSC बनने का है सपना
अनंत ने बताया कि वह आगे की पढ़ाई पुणे शहर के जूनियर कॉलेज में जाना चाहता हूं जिसके बाद भविष्य में सिविल सेवक बनने के लिए यूपीएससी की तैयारी करना चाहता हूं।
परिवार और कामकाज
अनंत तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। मां के साथ अनंत एक पुराने, छोटे मिट्टी के घर में रहते हैं। उनके पिता कैंटीन में वेटर का काम करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है, वह इतने गरीब हैं कि उनके घर में पंखा नहीं है।