'स्कूल एक ही जगह से किताबें और यूनिफॉर्म लेने का दवाब नहीं बना सकते'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Apr, 2018 10:16 AM

schools can not afford to take books and uniforms from one place

राजस्थान एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने प्राइवेट स्कूलों को परिपत्र जारी करते हुए पेरेंट्स पर बने दवाब को कम किया है। दरअसल, प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स पर एक ही दुकान से किताबें

नई दिल्ली:  राजस्थान एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने प्राइवेट स्कूलों को परिपत्र जारी करते हुए पेरेंट्स पर बने दवाब को कम किया है। दरअसल, प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स पर एक ही दुकान से किताबें और यूनिफॉर्म लेने का दवाब बनाते हैं। स्कूलों को ऐसा करने से मना किया गया है। एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने साफ किया है कि अगर कोई स्कूल ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।


एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने स्कूलों को यह भी हिदायत दी है कि वह यूनिफॉर्म को 5 साल से पहले ना बदले। एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने ये कदम उन खबरों के बाद उठाया है जिनमें ये बात सामने आई थी कि स्कूल पेरेंट्स को एक ही दुकान से यूनिफॉर्म और किताबें लेने को कह रहे हैं। यह बात निकलकर भी सामने आई थी कि स्कूल की दुकानों पर यूनिफॉर्म और किताबों के ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं।


डिपॉर्टमेंट ने बयान जारी करते हुए कहा, ''स्कूल पेरेंट्स पर किसी तरह का दवाब ना बनाएं, वरना उनपर कार्रवाई होगी। स्कूलों को यूनिफॉर्म और किताबों के ब्रैंड तय करने का कोई अधिकार नहीं है। पेरेंट्स के पास कहीं से भी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की आजादी है।'' इतना ही नहीं एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने ये भी साफ किया है कि स्कूल पेरेंट्स को किताबें और यूनिफॉर्म कहां से खरीदनी हैं इसका सुझाव भी नहीं दे सकते।


एजुकेशन डिपॉर्टमेंट ने अपने बयान में कहा है कि अगर स्कूल इन बातों को नहीं मानते हैं तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों को किताबों की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी।

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