Edited By ,Updated: 21 Feb, 2017 04:18 PM
आईटी उद्योग के पुराने योद्धा और इन्फोसिस टेक्नोलॉजी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टी वी मोहनदास पई का आरोप है कि देश की बड़ी आईटी कंपनियों ने नये भर्ती किए गए कर्मचारियों का वेतन कम रखने के लिए एक तरह से ...
हैदराबाद : आईटी उद्योग के पुराने योद्धा और इन्फोसिस टेक्नोलॉजी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टी वी मोहनदास पई का आरोप है कि देश की बड़ी आईटी कंपनियों ने नये भर्ती किए गए कर्मचारियों का वेतन कम रखने के लिए एक तरह से कथित तौर पर ‘गिरोहबाजी’ शुरू कर दी है। इन कंपनियां शुरआती स्तर के साफ्टवेयर इंजीनियरों की बहुतायत में उपलब्धता का फायदा उठा रही हैं। पई ने यहां पीटीआई भाषा से कहा,‘ यह भारतीय आईटी उद्योग के साथ दिक्कत है। भारतीय आईटी उद्योग अपने नए कर्मचारियों ढंग का वेतन नहीं दे रहा है।
यहां तक कि बड़ी कंपनियां नई भर्ती लोगों का वेतन नहीं बढाने के लिए एक जुट हो गयी है और वे आपस में इस विषय में बातचीत भी करती रहती हैं।’ रपटों के अनुसार दो दशक पहले इस उद्योग में फ्रेशर को 2.25 लाख रपए सालाना की शुरआती पेशकश होती थी वह बढ़कर अब केवल 3.5 लाख रपए है। इससे पता चलता है कि मुद्रास्फीति समायोजित परिदृश्य के लिहाज से वास्तविक वेतन बहुत अधिक घटा है। देश की प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी रहे पई के अनुसार यह बड़े दुख की बात है कि बड़ी कंपनियां फ्रेशरों नई भर्तियों का वेतन नहीं बढाने के लिए आपस में बातचीत कर रही हैं। पई के अनुसार ‘यह अच्छा संकेत नहीं है।