Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Apr, 2018 12:15 PM
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फिजियोथेरेपी के ग्रेजुएशन एडमिशन में योगा डिप्लोमा धारकों को पहल दी जाएगी। UGC के आदेश के मुताबिक योगा में कम से कम 1 साल
मुंबई: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फिजियोथेरेपी के ग्रेजुएशन एडमिशन में योगा डिप्लोमा धारकों को पहल दी जाएगी। UGC के आदेश के मुताबिक योगा में कम से कम 1 साल का डिप्लोमा रखने वाले कैंडिडेट्स को एडमिशन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन दूसरी तरफ सीबीएसई ने साफ किया है कि एडमिशन के लिए कैंडिडेट का योग्यता के पैमाने पर खरा उतरना जरूरी है।
UGC ने सभी कैंडिडेट्स के लिए एडमिशन लेने के लिए योग्यता का एक ही पैमाना रखा है। योगा डिप्लोमा धारकों के लिए फिजियोथेरेपी के बैचलर या मास्टर प्रोग्राम में एडमिशन के लिए योग्यता का कोई अलग पैमाना नहीं बनाया गया है।
इससे पहले UGC ने योगा में डिप्लोमा रखने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन प्रक्रिया में प्राथमिकता देने के लिए कमेटी बनाई थी। UGC की हायर अथॉरिटी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का लेटर सभी यूनिवर्सिटीज को भेज दिया है। लेटर में कहा गया है कि मंत्रालय की सिफारिशों को एडमिशन प्रक्रिया के दौरान फॉलो किया जाए।
लेटर में कहा गया है, ''योगा में 1 साल का डिप्लोमा रखने वाले कैंडिडेट्स को एग्जाम में स्कोर किए गए उनके मार्क्स के आधार पर ही प्राथमिकता दी जाए।'' साथ ही ये बात भी कही गई है कि योग्यता के बाकी पैमाने योगा धारकों के लिए दूसरे कैंडिडेट्स के जैसे ही रहेंगे।