Review: प्यार, परिवार और गांव की राजनीति की असलियत दिखाती है A Day Turns Daark

Edited By Updated: 08 May, 2023 11:05 AM

a day turns daark review in hindi

यहां पढ़िए कैसी है सुनील सिहाग की वेब सीरीज 'ए डे टर्न्स डार्क'

वेब सीरीज-'ए डे टर्न्स डार्क' (A Day Turns Daark)
डायरेक्टर- सुनील सिहाग (Sunil Sihaag)
स्टारकास्ट- सुधांशु पांडे (Sudhanshu Pandey),फातिमा बानो (Fatima Bano), आशुतोष परांजपे (Ashutosh Paranjape), शांभवी सिंह (Shambhavi Singh), विकास श्रीवास्तव (Vikas Srivastava), अमरजीत सिंह सांगवान (Amarjeet Singh Sangwan)
OTT- MxPlayer
रेटिंग- 3

A Day Turns Daark: उपन्यासकार, पटकथा लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सिहाग की वेब सीरीज 'ए डे टर्न्स डार्क' जल्द ही रिलीज हो रही है। जिसके पहले म्यूजिकल ट्रेलर को काफी पॉजीटिव रिस्पॉन्स मिले हैं। यह वेब सीरीज सुनील सिहाग की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब "डे टर्न्स डार्क" पर आधारित है। जिसे पाठकों ने काफी पसंद किया था। सीरीज सिर्फ प्यार ही नहीं है बल्कि समाज में होने वाले अच्छे और बुरे बदलावों को भी दिखाती है। इसमें युवाओं के जिंदगी में बदलती राजनीति, परिवार,दोस्ती और टीएनएज के अनुभवों को बारीकी से दिखाया गया है। जबरदस्त ड्रामा और भावनाओं की उथल-पुथल से भरी इस सीरीज को आप एमएक्स प्लेयर पर देख सकते हैं। 


कहानी
नितिन अपने स्कूल का टॉपर है क्साल में उसकी मुलाकात पंजाब से आई हरलिन से होती है। दोनों ही पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रहे हैं इसीलिए शुरूआत में दोनों के बीच काफी अनबन होती है लेकिन धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल जाती है। नितिन अपने माता-पिता से दूर गांव में दादी के साथ रहता है। दादी और उसके बीच एक खास रिश्ता है क्योंकि बचपन से ही उसे अपने पैरेंट्स का सारा प्यार दादी से ही मिला है। इसी बीच गांव में सरपंच के इलेक्शन भी आ जाते हैं।

एमआरएफ उर्फ मणि राम फगोडिया पैसों और जाति के दम पर लोगों को बहला फुसला कर इलेक्शन जीत जाता था, वही उसके मुकाबले मेहनती और साफ सुथरी राजनीति पर विश्वास रखने वाला राधे लगातार तीन सालों से हार जाता है। वोट के लिए एमआरएफ नितिन और उसकी दादी के घर भी आता है लेकिन वह उसे साफ कह देते हैं कि हम राधे के साथ हैं क्योंकि वह हमेशा हमारी मुसीबत में मदद करता है इससे एमआरएफ भड़क जाता है। इलेक्शन के बाद नितिन की दादी का निधन हो जाता है जिसका सारा इल्जाम उसके पापा उसपर डाल देते हैं। क्या नितिन की वजह से दादी की मौत होती है? क्या एमआरएफ फिर से सरपंच बन पाएगा? क्या हरलिन और नितिन की कहानी पूरी होगी? इन सभी सवालों के जवाब तो आपको सीरीज देखने पर ही पता चलेंगे। 

एक्टिंग
इस वेब सीरीज में सुधांशु पांडे ने बढ़िया काम किया है। अपनी शानदार एक्टिंग से आशुतोष परांजपे ने नितिन के किरदार को जिया है। उनके साथ हरलिन यानी शांभवी का जोड़ी काफी अच्छी लगी है। दादी के रूप में फातिमा बानो दर्शकों को काफी पसंद आएंगी। इसी के साथ विकास और अमरजीत को जितना स्क्रीनस्पेस मिला उसमें उन्होंने दर्शकों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है।

डायरेक्शन
सुनील सिहाग ने सीरीज को अच्छे से डायरेक्ट किया है, लेकिन कुछ-कुछ जगह वह मात खाते हुए नजर आते हैं। दर्शक थोड़े कन्फयूज भी हो सकते हैं कि असल में कहानी कहना क्या चाहती है। सीन भी बहुत सिंपल से लगते हैं रोमांच को बनाए रखने के लिए कुछ नया काम नहीं किया है। 

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